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कम्प्यूटर को सुरक्षित तापमान में चलाना बेहद आवश्यक है क्योंकि अधिक तापमान आपके कम्प्यूटर के पुर्जों का जीवनकाल कम कर सकता है और उन्हे खराब कर सकता है। एक और बात गर्म कम्प्यूटर अपेक्षाकृत ठंडे कम्प्यूटर की तुलना में धीमा चलता है इसलिए कम्प्यूटर को सुरक्षित तापमान में रखने से फायदे ही हैं।

आपके कम्प्यूटर का तापमान क्या होना चाहिए?

वैसे तो अलग अलग निर्माताओं द्वारा बनाए गए पुर्जों के सुरक्षित तापमान में भिन्नता होती है। एएमडी और इंटेल दोनों के हिसाब से प्रोसेसर का अधिकतम तापमान ८० डिग्री सेल्सियस के आसपास बैठता है। फिर भी आपके प्रोसेसर का तापमान ९५ डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नही होना चाहिए।
कम्प्यूटर होप के जालस्थल में विभिन्न प्रोसेसरों और उनके सुरक्षित तापमान की जानकारी दी गई है।

कम्प्यूटर का तापमान कैसे पता करें?

सामान्यत: आप अपने कम्प्यूटर का तापमान अपने BIOS में जाकर पता कर सकते हैं। किन्तु इसके लिए आपको कम्प्यूटर पुन: चालू करना होगा। इसलिए आप एचडब्लूमॉनीटर का प्रयोग कर सकते हैं। यह मुफ्त है और इसे यहां से डाउनलोड किया जा सकता है: http://www.cpuid.com/downloads/hwmonitor/1.16-32bit.zip
http://antarjaal.in/wp-content/uploads/2012/08/temp_1.jpg   

कम्प्यूटर को गर्मी से कैसे बचाएं?

आपने सुना होगा धूल कम्प्यूटर की दुश्मन है। ऐसा इसलिए क्योंकि धूल ऊष्मा की कुचालक होती है और आपके कम्प्यूटर के जिस पुर्जे पर अधिक धूल लगी होगी उससे ऊष्मा निकल नही पाएगी परिणामस्वरूप वह पुर्जा अधिक गर्म हो जाएगा। अर्थात कम्प्यूटर को गर्मी से बचाने के लिए जरूरी है कि बीच बीच में उसकी सफाई करते रहें।
कभी कभी सीपीयू में लगे पंखे काम करना बंद कर देते हैं। अब इसका कारण उनका स्वत: ही खराब होना हो सकता है या फिर धूल की वजह से उनका घूमना बंद हो जाता है। पंखे अंदर की गरमी को बाहर निकालते हैं, अत: जरूरी है कि वो ठीक तरह से कार्य करते रहें। बीच बीच में पंखों की भी जांच करते रहें और यदि कोई पंखा खराब हो जाए तो उसे तुरंत बदल दें।
आपका कम्प्यूटर किस जगह रखा है यह भी उसका तापमान निर्धारित करता है। यानि कि अपने कम्प्यूटर को किसी ऐसी जगह ना रखें जहां कोई आग वगैरह हो या धूप बहुत आती हो। इनसे भी गर्मी बढ़ सकती है।
कम्प्यूटर के तापमान को सही करने के लिए कभी कभार बायोस को भी नवीनीकृत करने की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए अपने मदरबोर्ड निर्माता के जालपृष्ठ में जानकारी खोजें।

Thursday 28 February 2013 | 0 comments |
हम यह जानेंगे कि हम इंटरनेट एक्सप्लोरर में पोर्न अथवा अन्य आपत्तिजनक जाल स्थलों को कैसे रोक सकते हैं।
सर्वप्रथम स्टार्ट > कंट्रोल पैनल में जाकर इंटरनेट आप्शन्स के प्रतीक चिन्ह पर क्लिक करके उसे खोलें।
आप यह कार्य इंटरनेट एक्सप्लोरर के टूल्स मेन्यू में जाकर इंटरनेट आप्शन्स में क्लिक करके भी कर सकते हैं।
इंटरनेट आप्शन्स के डायलॉग बॉक्स में “कंटेन्ट” टैब में जाएं।

यहां आपको “कंटेन्ट एडवाइज़र” के अंतर्गत “इनेबल” नाम का बटन मिलेगा। इसमें क्लिक करें। इससे आपको डायलॉग बाक्स नजर आएगा।

जैसा कि रेटिंग टैब में आप देख सकते हैं कि इसमें आप विभिन्न प्रकार की सामग्री जैसे हिंसा, भाषा आदि का स्तर निश्चित कर सकते हैं।

यदि आप किसी विशेष जालस्थल को प्रतिबंधित करना चाहते हैं अथवा प्रतिबंध हटाना चाहते हैं तो “एप्रूव्ड साइट्स” वाली टैब में जाकर आप ऐसा कर सकते हैं। इसके लिए आपको उस जाल स्थल का पता लिखना होगा फिर यदि आप प्रतिबंध लगाना चाहें तो “नेवर” बटन पर क्लिक कर सकते हैं और यदि प्रतिबंध हटाना चाहें तो “आलवेज” बटन पर क्लिक कर सकते हैं।
इस सबके बाद आप एप्लाई तथा ओके बटन पर क्लिक करके बाहर आ सकते हैं। परंतु जैसे ही आप बाहर आएंगे आपसे कूटशब्द/पासवर्ड बताने को कहा जाएगा ताकि जब कोई अन्य व्यक्ति इस प्रकार की सामग्री देखने का प्रयत्न करे तो उसे कूटशब्द के जरिए रोका जा सके। आप अपना कूटशब्द भरिए और ओके में क्लिक कीजिए।

अब जब भी आप किसी “ऐसी वैसे” जालस्थल को खोलने का प्रयत्न करेंगे तो आपको कुछ ऐसा दिखेगा।

जब तक सही कूटशब्द नही भरा जाएगा जालपृष्ठ नही खुलेगा।
कृपया ध्यान दें: यह तंत्र केवल इंटरनेट एक्सप्लोरर पर ही कार्य करता है। यदि आपके कम्प्यूटर में कोई दूसरा ब्राउज़र जैसे कि फायर फॉक्स आदि भी स्थापि है तो उसमें यह कार्य नही करेगा। यानि कि प्रतिबंध लगाने के बावजूद यह संभव है कि उपयोगकर्ता दूसरे ब्राउज़र का प्रयोग करके वो सामग्री देख सकता है। परंतु इसका भी हल है। अभिभावकीय नियंत्रण के जरिए आप अपने बच्चों के लिए एक अन्य खाता बनाकर उसमें दूसरे ब्राउज़रों को अक्षम कर कर सकते हैं जिससे वो केवल इंटरनेट एक्सप्लोरर का ही उपयोग कर पाएंगे।
इस प्रकार हम देखते हैं कि किसी अन्य अनुप्रयोग को स्थापित किए बगैर हम अपने विंडोज़ आधारित कम्प्यूटर पर अभिभावकीय नियंत्रण कर सकते हैं।
Wednesday 27 February 2013 | 0 comments |
 
स्मिशिंग (Smishing) : स्मिशिंग या एसएमएस फिशिंग से तात्पर्य ऐसे फिशिंग हमलों से है जिन्हे मोबाइल फोनों पर लक्ष्य किया जाता है। इसमें पीड़ित व्यक्ति को एक एसएमएस मिलता है जिसमें एक हायपरलिंक दिया होता है। यह हायपरलिंक उस व्यक्ति को मोबाइल फोनों के लिए बनी फिशिंग साइट में ले जाता है।
बॉट नेट Botnet (Zombie PCs) : बॉटनेट ऐसे प्रोग्राम होते हैं जिनके प्रभाव से इंटरनेट से जुड़े कम्प्यूटर अपने मालिक की जानकारी के बिना दूसरे कम्प्य़ूटरों को ईमेल भेजने ( स्पैम, मालवेयर या वायरस के साथ) जैसे काम शुरू कर देते हैं । ऐसे संक्रमित कम्प्यूटरों को जॉम्बी पीसी के तौर पर भी जाना जाता है। बॉटनेट शब्द रोबोट और नेटवर्क दोनों शब्दों को मिलाकर बनाया गया है।
ब्लूबगिंग (BlueBugging): ब्लूबगिंग यानि कि ब्लूटूथ के जरिए किसी दूसरे के मोबाइल पर नियंत्रण पाकर उसके मोबाइल से एसएमएस या फोन काल करना। इसमें दूसरे के मोबाइल से सारे फोन नम्बर भी निकाल लेना शामिल है।
पॉड स्लर्पिंग (Pod Slurping): पॉड स्लर्पिंग तब होती है जब आपका आईपॉड या कोई पोर्टेबल स्टोरेज(भंडारण) उपकरण चुपचाप बड़ी मात्रा में डाटा को आपके कम्प्यूटर से अपनी हार्ड डिस्क में स्थानांतरित करने लगता है। पॉड स्लर्पिंग कंपनियों और सरकारी एजेंसिंयों के लिए सिरदर्द का विषय है।
रैन्सोमवेयर (Ransomware): यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो आपके कम्प्यूटर को एकदम बेकार बना देता है और वापस ठीक करने के बदले पैसे मांगता है। यह कुछ कुछ कम्प्यूटर का अपहरण करने जैसा है। इसे क्रिप्टोवायरस या क्रिप्टोट्रोजन के नाम से भी जाना जाता है।
स्केयरवेयर (Scareware): ये प्रोग्राम किसी सॉफ्टवेयर का रूप धरकर लोगों को बेवकूफ बनाता है। मसलन यह एक नकली एंटीवायरस के रूप में होगा और उपयोगकर्ता को ढेर सारे नकली वायरस खोजकर दिखा देगा। फिर उन (नकली) वायरसों को हटाने के लिए पैसे मांगेगा। सिस्टम सिक्योरिटी, एंटीवायरस २०१० और रजिस्ट्री क्लीनर एक्सपी कुछ स्केयरवेयर के उदाहरण हैं।
साइड जैकिंग (Sidejacking): साइट जैकिंग एक हैकिंग तकनीक है जिससे किसी वेबसाइट के कुछ खातों पर पहुंच बनाई जा सकती है। सामान्यत: वेबसाइटें अपने अंदर पासवर्डों को गूढ़(इनक्रिप्ट) करके रखती हैं। लेकिन सेशन आईडी गूढ़ रूप में नही होता। यह यूआरएल अथवा कुकी में रहता है। हैकर इसी सेशन आईडी के जरिए किसी के खाते तक पहुंच सकते हैं और ईमेल पढ़ने जैसे काम कर सकते हैं।
ब्लैक हैट और व्हाइट हैट (Black hat & White hat): ये दोनो ही हैकरों के प्रकार हैं जो सुरक्षा खामियों को खोजते हैं। लेकिन जहां ब्लैक हैट हैकर सुरक्षा खामियों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं। वो कई महत्वपूर्ण डाटा चुरा लेते हैं। वो वायरस आदि भी फैला देते हैं। वहीं व्हाइट हैट हैकर इन सुरक्षा खामियों को उजागर करके उन्हे सुधार देते हैं। एक तरह से देखा जाए तो ब्लैक हैट हैकर खलनायक की भूमिका में होते हैं तो व्हाइट हैट हैकर नायक की भूमिका में।


Tuesday 26 February 2013 | 0 comments |



 how to transfer file without internet 2
विंडो एक्‍पी
कंप्‍यूटर मीनू में जाकर कंट्रोल पैनल पर क्लिक करें और नेटर्वक कनेक्‍शन चुनें
इसके बाद मॉय नेटर्वक प्‍लेस विंडो ऑप्‍शन चुजं करें
वहां पर मौजूद फोल्‍डर को एक्‍सेस करने के लिए फोल्‍डर में डबल क्लिक करें और जिस ड्राइव से आप अपना कंप्‍यूटर शेयर करना चाहते हैं उसे चूज करें। अगर फोल्‍डर ओपेन करते समय पासवर्ड मांगे तो उसमें अपना पासर्वड डालें।
how to transfer file without internet 3
विंडो विस्‍टा
सबसे पहले कंप्‍यूटर लेफ्ट साइड में बने स्‍टार्ट मीनू में जाकर कंट्रोल पैनल पर क्लिक करें और नेटर्वक सेंटर ऑप्‍शन चुने
नेटर्वक सेंटर में जाकर हार्डड्राइव और फोल्‍डर को दूसरे नेटर्वक से शेयर करें



Monday 25 February 2013 | 0 comments |
 
लेकिन इसके लिए अच्‍छी स्‍क्रीन का होना बेहद जरूरी है अच्‍छी स्‍क्रीन यानी वो स्‍क्रीन जिसका रेज्‍यूलूशन अच्‍छा हो, जितना अधिक रेज्‍यूलूशन होगा उतनी की साफ तस्‍वीर दिखाई देगी। कुल मिलाकर क्लियर व्‍यू के लिए अच्‍छे पिक्‍सल के साथ-साथ अच्‍छा रेज्‍यूलूशन भी होता चाहिए। तो अब अगली बार जब भी लैपटॉप या फिर मोबाइल फोन लेने जांए तो मेगापिक्‍सल के साथ-साथ डिवाइस का रेज्‍यूलूशन भी देखें।
Sunday 24 February 2013 | 0 comments |
दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल गुरुवार को 14 साल का हो गया। इस मौके पर गूगल के होम पेज पर मोमबत्तियों से सजा एक केक डूडल प्रदर्शित किया गया है। जैसे ही आप गूगल के पेज पर क्लिक करेंगे आपको गूगल के पिछले सभी प्रोडेक्‍ट की लिस्‍ट मिल जाएगी। अगर गूगल के इतिहास पर नजर डालें तो इसकी स्‍थापना 1998 में हुई थी।
इस समय पूरी दुनिया में कम्पनी के करीब 30,000 कर्मचारी हैं। पेज और ब्रिन की मुलाकात वर्ष 1995 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में हुई। वर्ष 1996 में उन्होंने एक सर्च इंजन बनाया, जिसका इस्‍तेमाल विश्वविद्यालय के पसर्नल प्रयोग कि लिए किया गया था।
गूगल के बारे में कुछ रोचक तथ्‍य
  • गुगल में 1 ट्रिलियन से अधिक पेज जुड़े हुए हैं जो हर 19 महिनों में दुगने हो जाते है।

  • पूरी दुनिया से करीब 300 मिलियन लोग गूगल और याहू सर्च इंजन का प्रयोग करते हैं।

  • 55 प्रतिशत ऑनलाइन खरीद केवल सर्च के दौरान की जाती है।

  • इंटरनेट में 90 प्रतिशत ट्रैफिक सर्च इंजनों की वजह से आता है।

  • पूरे सर्च का 74.7 प्रतिशत सर्च गूगल एकाउंट सर्च से किया जाता है।

  • Google.com डोमेन नेम 15 सितंबर, 1997 को रजिस्‍टर हुआ था
Saturday 23 February 2013 | 0 comments |
how to turn your laptop into a tv tuner card 2फीचर
कुछ टीवी ट्यूनर कार्ड में एफएम रेडियो और प्रोग्राम रिकार्डिंग की सुविधा भी होती है। उसी हिसाब से उसकी कीमत अलग अलग होती है। टीवी ट्यूनर कार्ड में  एवीआई, डीआईवीएक्‍स और एमपीईजी 1 के अलावा एमपीईजी सपोर्ट भी मौजूद रहता है। टीवी ट्यूनी कार्ड को आप कहीं भी यूज कर सकते हैं क्‍योंकि एक तरह से ये आपके लैपटॉप को टीवी में बदल देता है।

देखें वीडियो कैसे प्रयोग करें टीवी ट्यूनर कार्ड
 

Friday 22 February 2013 | 0 comments |
how to check cpu speed 3
स्‍टेप 2
पीसी स्‍पीड चेक करने का दूसरा तरीका है सबसे पहले स्‍टार्ट बटन पर क्लिक करें और रन ऑप्‍शन पर जाएं। रन ऑप्‍शन में जाकर 'Msinfo32' टाइप करें और ओके पर क्लिक कर दें थोडी देर में आपके सामने एक नया सपोर्ट पैनल ओपेन हो जाएगा जिसमें सीपीयू और प्रोसेसर स्‍पीड से जुड़ी कई जानकारियां होंगी।
स्‍टेप 3
तीसरे तरीके में आप डिवाइस मैनेजर द्वारा पीसी स्‍पीड के बारे में जान सकते हैं। डिवाइस मैनेजर को ओपेन करने के लिए सबसे पहले स्‍टार्ट बटन पर क्लिक करें और रन में जाकर Devmgmt.msc टाइप करें, Devmgmt.msc टाइप करने के बाद ओके ऑप्‍शन पर क्ल्कि कर दें। थोड़ी देर में आपके सामने एक पैनल ओपेन होकर आएगा जिसमें सीपीयू से जुड़ी कई जानकारी होंगी।



how to check cpu speed 2
स्‍टेप1
सीपीयू स्‍पीड चेक करनें के लिए सबसे पहले आप अपने सिस्‍टम की प्रॉपर्टी में जाएं। प्रॉपर्टी में जाने के लिए सबसे पहले मॉय कंप्‍यूटर में मउस को ले जाकर राइट क्लिक करें और प्रॉपर्टी ऑप्‍शन चुनें, प्रॉपर्टी ऑप्‍शन में जाकर जनरल टैब में क्लिक करें, जहां पर आपको अपने कंप्‍यूटर की स्‍पीड और वर्जन के अलावा कई दूसरी जानकारी भी मिल जाएगी।

स्‍टेप 2
पीसी स्‍पीड चेक करने का दूसरा तरीका है सबसे पहले स्‍टार्ट बटन पर क्लिक करें और रन ऑप्‍शन पर जाएं। रन ऑप्‍शन में जाकर 'Msinfo32' टाइप करें और ओके पर क्लिक कर दें थोडी देर में आपके सामने एक नया सपोर्ट पैनल ओपेन हो जाएगा जिसमें सीपीयू और प्रोसेसर स्‍पीड से जुड़ी कई जानकारियां होंगी।
स्‍टेप 3
तीसरे तरीके में आप डिवाइस मैनेजर द्वारा पीसी स्‍पीड के बारे में जान सकते हैं। डिवाइस मैनेजर को ओपेन करने के लिए सबसे पहले स्‍टार्ट बटन पर क्लिक करें और रन में जाकर Devmgmt.msc टाइप करें, Devmgmt.msc टाइप करने के बाद ओके ऑप्‍शन पर क्ल्कि कर दें। थोड़ी देर में आपके सामने एक पैनल ओपेन होकर आएगा जिसमें सीपीयू से जुड़ी कई जानकारी होंगी।
Thursday 21 February 2013 | 0 comments |

how to port one mobile network to another mobile network

अगर आप अपने मोबाइल का सर्विस प्रोवाइडर बदलना चाहते हैं तो इसके लिए मोबाइल पोर्टेबिल्‍टी सबसे अच्‍छा विकल्‍प, इसे शार्टफार्म में एमएनपी भी कहते हैं। मोबाइल पार्टेबिल्‍टी से आपका मोबाइल नंबर वहीं रहता है लेकिन सर्विस प्रोवाइडर बदल जाता है। मोबाइल पोर्टेबिल्‍टी करने के लिए आपको कुछ आसान सी  स्‍टेप फॉलो करनी पड़ेगी।
स्‍टेप 1
सबसे पहले अपने मोबाइल फोन से 1900 पर पोर्ट स्‍पेस और अपना मोबाइल नंबर लिखकर मैसेज करें उदाहरण PORT <आपका फोन नंबर> 1900 पर भेजें। मैसेज करने के बाद आपके मोबाइल में एक यूनीक पोर्टींग कोड आएगा
स्‍टेप 2
अब आप अपने नजदीकी मोबाइल शॉप में जाकर शॉपकीपर से पोर्टेबिल्‍टी सिम मांगे। दूकानदार आपको एक फार्म भरने के लिए देगा जिसमें अपने वोटर आईडी की फोटो कॉपी और एक फोटो भी अटैच करनी होगी। वोटर आईडी की जगह आप चाहें तो कोई दूसरा आईडी प्रूफ भी लगा सकते हैं।
स्‍टेप3
फार्म भरने के बाद दुकानदार आपको एक सिम देगा, जिसके लिए 19 रुपए का चार्ज आपको देना होगा। 7 दिनों के अंदर आपको दूसरा सिम एक्‍टीवेट हो जाएगा, लेकिन नंबर वही रहेगा। जैसे आपका नया सिम एक्‍टीवेट होगा। वैसे ही पुराने वाले मोबाइल में लगा सिम डीएक्‍टीवेट हो जाएगा। यानी उसमें सिग्‍नल आने बंद हो जाएगें।
Wednesday 20 February 2013 | 0 comments |
  • सबसे पहले सीडी को साबुन के पानी से अच्‍छी तरह से साफ कर लें ताकि उसमे लगी धूल हट जाए

  • इसके बाद साफ कपड़े से सीडी का आराम से पोंछे

  • अब सीडी में टूथपेस्‍ट लगा कर उसे धीरे धीरे पूरी सीडी में लगाएं

  • इसके बाद 5 मिनट तक टूथपेस्‍ट को छोड़ दें

  • 5 मिनट बाद सीडी को नल के पानी से धे लें

  • सीडी में ध्‍यान से देख लें टूथपेस्‍ट लगा न हो

  • अब आपकी सीडी में लगे स्‍क्रेच मिट गए होंगे आप उसे दूबारा प्रयोग कर सकते हैं।
Tuesday 19 February 2013 | 1 comments |

how to back up your pc hard drive


पीसी में सेव डेटा फाइल अगर धोखे से डिलीट हो जाएं तो कभी कभी हमें उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है हार्ड ड्राइव किसी भी पीसी या फिर लैपटॉप के सबसे जरूरी पार्ट में गिनी जाती है क्‍योंकि इसमें हमारे पीसी का सारा डेटा सेव रहता है। लेकिन हमें समय समय पर अपनी हार्ड ड्राइव का बैकप लेते रहना चाहिए क्‍योंकि अगर धोखे से कभी भी हमारे पीसी या फिर लैपटॉप में कोई दिक्‍कत आ जाए तो इससे हमारे पीसी में सेव डेटा डेमेज न हो।
हार्ड ड्राइव बैकअप कैसे लें
सबसे पहले डेटा बैकप लेने के लिए एक अच्‍छा सा सॉफ्टवेयर चूज कर लें जो आपके हार्ड ड्राइव का बैकप ले सकें। इंटरनेट पर कई डेटा बैकप सॉफ्टवेयर उपलब्‍ध हैं। लेकिन आप चाहें तो http://www.2brightsparks.com/ में जाकर फ्री डेटा बैकप सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं। साइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड होने में 35 मिनट का टाइम लगेगा।
हार्ड डिस्‍क का बैकप लेने के लिए दो तरीके है पहला आप डिस्‍क की एक इमेज क्रिएट कर लें और दूसरा फाइल और फोल्‍डर को सलेक्‍ट करके उसे कॉपी कर लें।
सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के बादए आपको जिस लोकेशन में बैकप सेव कर ना है उसे सलेक्‍ट कर लें।
बैकप रन करने से पहले आपको अपनी एक प्रोफाइल बनानी पड़ेगी। जिससे अगली बार सिर्फ एक क्लिक करने पर अपने आप बैकप क्रिएट हो जाए।
बैटरी बैकप रन करने के डाउनलोड सॉफ्टवेयर को ओपेन करके क्रिएट न्‍यू प्रोफाइल पर क्लिक करें। इसके बाद इंट्रो ऑप्‍शन को स्‍किप कर दें। इंट्रो ऑप्‍शन स्‍किप करने के बाद बाद रन बटन को चूज करें और उसे क्लिक कर दें। जब आपका पूरा डेटा बैकप खत्‍म हो जाएगा तो रिजल्‍ट कॉलम में सक्‍सेस का मेसेज आने लगेगा।

Monday 18 February 2013 | 0 comments |

how to block a particular website on my pc

क्‍या आप अपने बच्‍चों के इंटरनेट प्रयोग पर नजर नहीं रख पाते या फिर ऑफिस में अपने इंप्‍लाई के सोशल नेटवर्किंग साइट प्रयोग करने से तंग आ चुके है। तो आज हम आपको एक ऐसे तरीके के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आप अपने कंप्‍यूटर में साइट ब्‍लॉक कर सकते हैं। दोस्‍तों आपको जानकर हैरानी होगी ये फीचर सभी के कंप्‍यूटर और लैपटॉप में होता हैं लेकिन लोगों को इसकी जानकारी न होने के कारण वे इसे प्रयोग नहीं कर पाते।

विडों के इंटरनेट एक्‍प्‍लोरर 5, 6, 7,8  के साथ एक्‍प्‍लोरर के सभी वर्जनों में सुरक्षा और प्राइवेसी के ऑप्‍शन दिए गए होते है जिनका प्रयोग करके हम कोई भी बेबसाइट को ब्‍लॉक कर सकते है अगर इन ब्‍लॉक बेबसाइट को कोई व्‍यक्ति खोलने की कोशिश करना है तो ओपेन नहीं होती। कंप्‍यूटर में कोई भी साइट ब्‍लॉक करने के लिए इन स्‍टेप को फालों करें।
how to block a particular website on my pc

  • अगर आपके कंप्‍यूटर में इंटरनेट एक्‍प्‍लोरर नहीं पड़ा है तो उसे डाउनलोड कर लें

  • पेज के ऊपर दिए गए टूल के ऑप्‍शन पर क्लिक करें

  • टूल के ऑप्‍शन में जाकर इंटनेट ऑप्‍शन का चुनें

  • इंटरनेट ऑप्‍शन में जाकर प्राइवेसी सेंटिंग पर क्लिक करें

  • प्राइवेसी में जाकर ब्‍लॉक बेबसाइट का एड्रैस डाले और ओके पर क्लिक कर दें
इन सभी स्‍टेप को फालों करने के बाद आप जितनी भी साइट इसमें ऐड करेंगे वह ओपेन नहीं होगी।

Sunday 17 February 2013 | 0 comments |

how to connect your computer to your hdtv 

टैबलेट और लैपटॉप में अक्‍सर आपने एचडीएमआईपोर्ट फीचर के बारे में सुना होगा। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि आखिरी एचडीएमआई पोर्ट का क्‍या यूज़ है। एचडीएमआई पोर्ट की मदद से आप अपने टैबलेट और लैपटॉप को टीवी से कनेक्‍ट कर सकते हैं, जो भी कंटेट और वीडियो आप अपने टैबलेट में देखेंगे वहीं कंटेंट और वीडियो टीवी में भी डिस्‍प्‍ले होगा। अगर आपके पीसी या फिर टैबलेट में भी एचडीएमआई पोर्ट दिया गया है ता आज हम आपको पीसी से एचडीवी को कनेक्‍ट करने का आसान तरीका बताएंगे।
कैसे करें कनेक्‍ट
  • सबसे पहले ये पता कर लें आपके पीसी, टैबलेट या फिर लैपटॉप के अलावा टीवी में एचडीएमआई पोर्ट की सुविधा दी गई है या नहीं

  • इसके बाद एचडीएमआई केबल को अपने लैपटॉप से कनेक्‍ट कर टीवी में दिए गए एचडीएमआई पोर्ट से कनेक्‍ट कर दें।

  • केबल कनेक्‍शन होने के बाद रिमोर्ट कंट्रोल से टीवी विडियो ऑप्‍शन चूज़ करें।

  • अगर फिर भी टीवी में टैबलेट या फिर लैपटॉप का व्‍यू डिस्‍पले नहीं होता है तो ट्रबलशुट या फिर टीवी के साथ दी गई मैन्‍यूल में दिए गए एचडीएमआई कनेक्‍ट

  • करने के ऑप्‍शन को ध्‍यान से पढ़े।

  • कनेक्‍शन होने के बाद आप पीसी में इंटरनेट सर्फिंग के साथ कोई भी वीडियो लाइव टीवी में देख सकते हैं।
 
वीजीए कनेक्‍शन से कैसे कनेंक्‍ट करें टीवी
  • सबसे पहले अपनी टीवी और कंप्‍यूटर को स्‍विच ऑफ कर दें

  • इसके बाद वीजीए केबल को कंप्‍यूटर और एचडीवी पोर्ट से कनेक्‍ट कर दें

  • कनेक्‍शन होनें के बाद मिनी ऑडियो केबल को अपने कंप्‍यूटर हेडसेट पोर्ट और एचडीटीवी मिनी ऑडियो रेड और व्‍हाइट आरसीए केबल से कनेक्‍ट करें

  • अब अपने पीसी और टीवी को स्‍विच ऑन कर दें।
Saturday 16 February 2013 | 0 comments |
how to charge your mobile battery without electricity during emergency 4
पानी से चार्ज करें मोबाइल
फ्यूल सेल तकनीक को भविष्‍य की तक‍नीक कहा जा रहा है क्‍योंकि आने वाले दिनों में इस तकनीक की मदद से साधारण बैटरी के मुकाबले लम्‍बा बैटरी बैकप मिलेगा। वहीं वैज्ञानिकों ने फ्यूल सेल तकनीक का प्रयोग करके एक अनाखा चार्जर भी बना लिया है जो पानी की मदद से आपके सेलफोन को चार्ज करेगा। वैसे ये काफी हैरान कर देने वाली बात है कि पानी से कोई डिवाइस चार्ज भी की जा सकती है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस बात को सच कर दिखाया है।
now charge your mobile phones using water 2
पॉवरट्रेक नाम के इस अनोखो चार्जर में एक यूएसबी कनेक्‍टर दिया गया है जिसकी मदद से आप अपने मोबाइल फोन को कनेक्‍ट कर सकते हैं। पॉवरट्रेक में पैसिव फ्यूल तकनीक का प्रयोग किया गया है। पॉवरट्रेक को प्रयोग करने के लिए दो चीजों की जरूरत पड़ती है पहला पानी और दूसरा खुली हवा, यह न सिर्फ प्रयोग करने के लिहाज से सेफ है बल्कि इको फ्रेंडली भी है।

वैसे तो बाजार में इस तरह के कई प्रोडेक्‍ट उपलब्‍ध है मगर अन्‍य प्रोडेक्‍ट के मुकाबले पॉवरट्रेक ज्‍यादा तेजी से पॉवर जनरेट करता है। अगर आप पावरट्रेक चार्जर खरीदना चाहते है तो बाजार में पावरट्रेक 11,560 रुपए की अनुमानित कीमत में उपलब्‍ध है। लेकिन इसके लिए आपको थोड़ी अधिक कीमत भी चुकानी पड़ सकती है क्‍योंकि भारत के रिटेल स्‍टोर में अभी ये उपलब्‍ध नहीं है।
देखें वीडियो: कैसे काम करता है ये चार्जर


Friday 15 February 2013 | 0 comments |

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