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एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। एंड्रायड बनाने वाले यानी एंड्रायड डेवलपर्स कई तरह के बैकडोर भी बनाते हैं। जिससे सीधा सिस्टम में इंटर कर सेटिंग्स चेंज की जा सके। हालंकि डेवलपर्स इन्हें ब्लॉक कर देते हैं जिससे कोई यूजर सिस्टम में जाकर कुछ चेंज न कर सके।

स्मार्टफोन में इन बैकडोर को सीक्रेट कोड कहा जाता है। यह नंबर और सिंबल्स से बने कुछ कोड होते हैं जो कि यूजर द्वारा कुछ सेटिंग्स में फेर बदल करने के लिए सितामल किए जाते हैं। इन्हें आप शॉर्टकट के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तो चलिए नज़र डालते हैं इनमें में कुछ कोड्स पर-

*#*#7780#*#* इस कोड को एंड्रायड यूजर अपने फोन में फैक्ट्री रिस्टोर सेटिंग के लिए, सभी एप्लीकेशन और डाटा क्लियर करने के लिए, गूगल अकाउंट सेटिंग्स रिमूव करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

*2767*3855# यह कोड फोन में फर्मवेयर फिर से इंस्टॉल कर सकता है। इससे फ़ोन की फैक्ट्री फॉर्मेट की जा सकती है, साथ ही फोन में मौजूद सभी फाइल्स भी रिमूव की जा सकती है, इंटरनल स्टोरेज को मिलाकर।
*2767*3855#
इससे एंड्रायड यूजर्स को फोन की बेसिक जानकारी मिल सकती है, साथ ही बैटरी की इनफार्मेशन भी मिलती है।
*#*#34971539#*#*
यह सीक्रेट कोड फोन के कैमरा के बारे में जानकारी देता है।
*#0228#
एंड्रायड के इस सीक्रेट कोड से आप फोन की बैटरी का स्टेटस जान सकते हैं।
*#*#273283*255*663282*#*#*
फोन की सारी मीडिया फाइलों को बैकप लेने के लिए यूजर इस कोड को डॉयल करें।

Friday 17 June 2016 | 0 comments |
 फोन खो गया है, तो हम आप की कुछ मदद कर सकते हैं, इसके लिए बस आपको थोड़ा स्‍मार्ट होने की जरूरत है। एंड्रायड स्‍मार्टफोन में बस आपको एक एप्‍लीकेशन इंस्‍टॉल करनी है वो भी बिल्‍कुल फ्री हैं। जिसकी मदद से आप दुनिया में कहीं से भी अपने फोन की लोकेशन चेक कर सकते हैं, उसे लॉक कर सकते हैं साथ ही उसका डेटा भी मिटा सकते हैं ताकि कोई उसका गलत इस्‍तेमाल न कर सके। इस एप को यूज़ करना बेहद आसान हैं।
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एक कॉल करने के लिए क्या क्या जरुरी है? फोन और सिम। लेकिन अब आप बिना सिम के भी कॉल कर सकते हैं। कॉल करने के लिए सिम की भी जरुरत नहीं है। यह सब मुमकिन है स्मार्टफोन एप 'टेक्स्ट मी' से। आपको यह ऐप डाउनलोड करना है। उसके बाद आप किसी को भी कॉल अथवा मैसेज कर सकते हैं। WOW: केवल 50 रुपए में ये कंपनी दे रही है 20GB 3g डाटा! इस एप के जरिए कॉल करने से आपको किसी को अपना असली नंबर बताने की भी जरुरत नहीं है। इस एप से आपको जो नंबर मिलेंगे आप उनसे कॉल कर पाएंगे। जानिए इसके फायदे और फीचर्स-
WOW: केवल 50 रुपए में ये कंपनी दे रही है 20GB 3g डाटा! 
 भारतीय टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल अपने यूज़र्स के लिए एक धमाकेदार स्कीम लाइ है। इस ऑफर के तहत उपभोक्ताओं को मात्र 50 रुपए में 20जीबी 3जी डाटा मिलेगा। कंपनी की यह स्कीम भारत सरकार की ओर से मिली सब्सिडी से चलेगी। ये प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया मुहिम का हिस्सा है। बता दें कि इस इंटरनेट प्लान को आप अपने बीएसएनएल दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं।
इन दिनों कंपनियों द्वारा दिए जाने इंटरनेट प्लान के दाम काफी ज्यादा हैं और उपभोक्ताओं को इंटरनेट की जरुरत भी है ऐसे में यह प्लान काफी फायदेमंद हो सकता है। इस प्लान के रेट काफी कम हैं और इसमें दिया जाने वाला 3जी डाटा भी एक यूज़र के लिए काफी है।
इस प्लान का लाभ उठाने के लिए यूजर को बीएसएनएल यूजर को सेल्फ केयर पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। जहां यूजर्स को पर्सनल जानकारी देनी होगी। साथ ही उन नंबरों की जानकारी भी मांगी जाएगी जिससे आप अपना डेटा शेयर करना चाहते हैं।
BSNL के जनरल मैनेजर शब्द यादव ने बताया कि, 'इस सेवा से उनलोगों को बहुत अधिक लाभ मिलने वाला है जो इंटरनेट अफ्फोर्ड नहीं कर सकते हैं। लेकिन इस सेवा के माध्यम से उन्हें बहुत ही सस्ते में इंटरनेट मिलेगा। इसके अलावा यह एक सरकारी योजना का हिस्सा है। जो लोगों के लाभ के लिए चलाया गया है। इसके साथ ही इस सेवा के माध्यम से देश में हर तबके को लोगों तक इंटरनेट पहुंचेगा।'
 
Sunday 24 April 2016 | 0 comments |
खर्चे आसमान छू रहे हैं और जीवन चलाने के लिए सिर्फ़ नौ से पाँच की नौकरी है। इसलिए आपको आमदनी के नए रास्तों के बारे में भी सोचना चाहिए। अगर आपके पास इंटर

खर्चे आसमान छू रहे हैं और जीवन चलाने के लिए सिर्फ़ नौ से पाँच की नौकरी है। इसलिए आपको आमदनी के नए रास्तों के बारे में भी सोचना चाहिए। अगर आपके पास इंटरनेट है तो बहुत सी इंडस्ट्रीज़ विभिन्न क्षेत्रों में ऑइलाइन कमाई करने के बहुत से विकल्प देते हैं। इससे पहले हम इनके बारे में बात करें, पहले हमें ऑनलाइन पैसे कमाने के फ़ायदे मालूम होने चाहिए।
1. आपको दौड़ भाग नहीं करनी पड़ती है
2. आप दौड़ भाग में लगने वाला खर्च बचा सकते हैं
3. आप अपनी सुविधा से काम कर सकते हैं
4. काम से छुट्टी लेना या ओवर टाइम करना आपका फ़ैसला है
5. काम करके घर पर रहने का मज़ा ले सकते हैं
कुछ घर बैठे कमाने को कमाई का दूसरा सोर्स मानते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसे प्राइमरी सोर्स बना लेते हैं। आपकी मर्ज़ी मगर हम आपको ऑनलाइन पैसे कमाने के कुछ आसान रास्ते बनाते जा रहे हैं।
ऑनलाइन पैसे कमाने के रास्ते

ऑनलाइन पैसे कमाने के आसान रास्ते

1. ऑनलाइन बिक्री

आप विचार करें कि आप क्या बेंच सकते हैं? एक कलाकार के रूप में आप मोतियों की माला से लेकर पेटिंग तक कुछ भी बेचने के ईकॉमर्स साइटों से सम्पर्क कर सकते हैं। eBay, Amazon, Flipkart, Snapdeal आदि अनेक साइटें आपको बिक्री करने में मदद कर सकती हैं।

2. आइट्यूंस

अगर आप गीत संगीत बना सकते हैं या फिर कोई ज्ञानवर्धक या मनोरंजक ऑडियो-विडियो तैयार कर सकते हैं तो तब iTunes पर अपना काम शुरु कर सकते हैं। ऐसा करके आप बड़े प्रतिस्पर्धियों के सामने खड़े हो सकते हैं और दुनिया के सामने अपना टैलेंट दिखा सकते हैं। इसलिए किसी अवसर का इंतज़ार करने की बजाय आप ख़ुद अपना अवसर बना लें।

3. यूटूब

ऐसी किसी विडियो के बारे में सोचिए जिसे देखकर लोगों को मज़ा आएगा। इस पर पूरी तरह से काम कीजिए। स्क्रिप्ट लिखिए, विडियो बनाइए और अपलोड कीजिए। अगर आपके कंटेंट में दम है तो आपको लाइक और कमेंट के लिए इंतज़ार नहीं करना होगा। हर दिन यूटूब पर विडियो देखने वालों के साथ साथ विडियो अपलोड करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए अगर आपमें लोगों को कुछ अनूठा दिखा पाने की क्षमता है तो आप आसानी से विडियो पर विज्ञापन दिखाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।

4. कंटेंट राइटिंग

आज के समय में कंटेंट राइटिंग करके अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। कंटेंट राइटिंग ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरह से की जा सकती है। किसी भी कम्पनी को बहुत तरह के कंटेंट लिखवाने की ज़रूरत पड़ती है, आप अपना ज़ेनर (genre) ख़ुद चुन सकते हैं। अनुभव प्राप्त करने के बाद आप अपने लिखे आर्टिकल्स के लिए मार्केट रेट पर पैसे माँग सकते हैं।

5. ब्लॉगिंग

यह कंटेंट राइटिंग से मिलता जुलता करियर ऑप्शन है। इसके लिए आप एक ब्लॉग बनाकर उसपर अपने ज़ेनर में लिख सकते हैं। जैसे जैसे आपका ब्लॉग लोकप्रिय होता है तो आप उस पर ऐडसेंस या अन्य ऐड नेटवर्क के विज्ञापन दिखाकर ऑनलाइन पैसे कमाने की शुरूआत कर सकते हैं। ब्लॉग पर विज़िटर्स की संख्या लगातार बढ़ती रहे इस पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है।
ख़ुद ब्लॉगिंग शुरू करने की बजाय आप किसी कम्पनी के ब्लॉग पर लिखने के लिए भी पैसे चार्ज कर सकते हैं।

6. डेटा इंट्री

बहुत सी छोटी बड़ी कम्पनियाँ डेटा इंट्री के काम को आउट सोर्स करती हैं। डेटा इंट्री के काम में आपको डेटा भरना और किसी तरह का डेटा अलग करने का काम किया जाता है। यह काम थोड़ा बोरिंग ज़रूर है लेकिन घर से काम करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

7. ग्राफ़िक डिज़ाइनिंग

अगर आप अपने चारों तरह नज़र घुमाएँ तो दुनिया ख़ूबसूरत डिज़ाइंस से भरी पड़ी है। बैनर, पोस्टर, लोगो, टी शर्ट प्रिंट या फिर कुछ और; ग्राफ़िक्स तो सब जगह है। अगर आपमें ड्राइंग और ग्राफ़िक्स डिज़ाइन करने की कला है तो आप इस विकल्प को चुन सकती हैं। एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर को सॉफ़्टवेयर, इंटरनेट कनेक्शन, आइडिया और एक मग कॉफ़ी की ज़रूरत होती है। अब आपका किस बात का इंतिज़ार कर रहे हैं?

8. ऑनलाइन ऑर्थर

अगर आपके दिमाग़ में कहानियाँ भरी पड़ी हैं लेकिन फ़ंड की कमी है तो ऑनलाइन आथर की जॉब कर सकते हैं। आज बहुत सी वेबसाइट आपको ईबुक बेचने की सुविधा देती हैं और आप उन पर रॉयलटी कमा सकते हैं। बस आप अपना लैपटॉप उठाइए और अपनी दिमाग़ में भरी कहानियों को टाइप कर डालिए।

9. ट्रांसलेटर

अगर आपको एक से अधिक भाषाओं के बारे में जानकारी है तो आप ट्रांसलेटर का काम कर सकते हैं। इस काम से ऑनलाइन पैसे कमाने के लिए आपको कम से कम दो भाषाएँ आनी चाहिए। विदेशी कम्पनियाँ क्षेत्रीय भाषाओं में मौजूदा कंटेंट का अनुवाद कराना चाहती हैं। कम्पनियाँ डाक्यूमेंट की संख्या के आधार पर पैसे अदा करती हैं।

10. ऑनलाइन मैग्ज़ीन

अगर आपमें अपने दम पर कुछ करने का कीड़ा है तो अपनी ऑनलाइन मैग्ज़ीन शुरू कर सकते हैं। आप कुछ और लोगों को अपने साथ जो‌ड़कर ऑनलाइन मैग्ज़ीन शुरू कर सकते हैं। आप अपनी मैग्ज़ीन पर विज्ञापन छापकर ऑनलाइन पैसे कमाने के बारे में सोच सकते हैं।

11. पुरानी चीज़ें बेचकर

क्या आपकी वार्डरोब में कुछ पुरानी चीज़ें पड़ी हैं? आप उन्हें बेंच क्यों नहीं देते हैं? ऐसा करके आप न केवल बेकार चीज़ों से पीछा छुड़ा सकते हैं बल्कि ऑनलाइन पैसे कमाने की इच्छा को पूरा सकते हैं। इसलिए आप अपनी अलमारी खोलिए और बेचने के लिए बेकार की चीज़ें चुनिए। आप इनकी फ़ोटो खींचकर, OLX जैसी साइट पर अपलोड कीजिए और उन्हें बेच दीजिए।

12. अपनी आवाज़ बेचकर

वाइस आर्टिस्ट का करियर परवान चढ़ रहा है और अगर आप सोचते हैं कि आपमें वाइस आर्टिस्ट वाली क्वालिटी है तो आप अपनी आवाज़ की बदौलत अच्छी कमाई कर सकते हैं।

13. फ़ोटोग्राफ़ी

अपने फ़ोटोग्राफ़ी के पैशन को आप यूँ ही ज़ाया न होने दें। आप अपनी ख़ुद की ऑनलाइन फ़ोटो गैलरी खोलिए या iStock जैसी साइटों पर अपनी क्लिक की हुई फ़ोटोज़ बेचिए। आप अपने इस टैलेंट को दुनिया के सामने लाइए और अपने काम के पैसे पाइए।

14. ऑनलाइन रिसर्च

यह काम उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है जिन्हें फ़ैक्ट ढूँढ़कर कर उन्हें एनालाइज़ करने में आनंद आता है। बहुत सी कम्पनियाँ एजेंसियों को यह काम आउट सोर्स कर देती हैं। आप गूगल पर ऐसी एंजेसियाँ सर्च करके उनसे यह काम ले सकते हैं।

15. ऑनलाइन ट्यूटर

अगर आपको विषय पर अच्छी पकड़ है तो आप ऑनलाइन ट्यूटर बन सकते हैं। इसके लिए आप मनपसंद विषय को ऑनलाइन ट्यूशन क्लॉसेज़ में पढ़ा सकते हैं और घर बैठे पैसे कमा सकते हैं।

16. गेस्ट राइटर

आज बहुत से ब्लॉग गेस्ट पोस्टिंग का विकल्प खुला रखते हैं। इनमें से कुछ ब्लॉग गेस्ट ब्लॉगिंग करने के लिए पैसे भी देते हैं। आज से ऐसे ब्लॉग और ब्लॉगर्स की तलाश कीजिए।

17. कम्पनियों के लिए स्लोगंस

अगर आप बढ़िया, आकर्षक और छोटे स्लोगन लिखने में महारत रखते हैं तो यह काम भी अच्छे पैसे दे सकता है। बहुत सी कम्पनियाँ अच्छा स्लोगन पाने के लिए स्लोगन कांटेस्ट रखती हैं या किसी फ़्रीलांसर को हायर करती हैं। अगर आप भाग्यशाली हुए तो आपका स्लोगन चुन लिया जाएगा और आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि आपको इसके लिए कितना ज़्यादा पैसा मिल सकता है? इसलिए अपना दिमाग़ चलाइए और एक फ़्रीलांसर के रूप में अपना प्रचार कीजिए।

18. पेड सर्वे

यह आपको मज़ाक लग सकता है, लेकिन यह सच है। कम्पनियाँ और एजेंसियाँ अक्सर पेड सर्वे करती हैं। वो उन लोगों की तलाश करती हैं जो उनके सर्वे को सही सही भर सकते हैं। अगर आप ऐसी एजेंसी गूगल पर सर्च कर लें और उनसे यह काम ले लें तो सर्वे पूरा करके आप ऑनलाइन पैसे कमाने का सपना सच कर सकते हैं। हर सर्वे को पूरा करने के लिए आपको औसतन $5 मिलते हैं लेकिन यह काम बहुत आसान होता है।

19. PTC साइटों से कमाई

यह काम आसान है और आप घर बैठे 12,000 रुपये तक कमा सकते हैं। इस काम में आपको बहुत सी साइटें देखनी होती हैं और आपको उन पर क्लिक करना होता है। आप जितनी ज़्यादा साइटें खोलकर उन पर क्लिक करते हैं आपकी कमाई भी उतनी ही ज़्यादा होती है। यह काम बोरिंग हो सकता है, लेकिन पैसा नहीं।

20. GPT साइटों से कमाई

यह काम कुछ कुछ PTC साइटों के जैसा ही है लेकिन इसमें आपको विडियो देखने होते हैं, आडियो सुनने होते हैं, छोटे सर्वे भरने होते हैं, गेम खेलने होते हैं और बहुत कुछ। आपको यह काम मज़ेदार लग सकता है।

21. कैपचा साल्वर

आप कैपचा के बारे में तो जानते ही होंगे? यह कुछ शब्दों और अंकों का समूह होता है, जिसे सही सही टाइप करके आप ख़ुद को मानव साबित करते हैं। कुछ साइटें आपको 1000 कैपचा क्रैक करने के लिए पैसे अदा करती हैं। आपको बस कैपचा देखकर उसे नीचे दिए फ़ॉर्म में लिखना होता है।

22. एफ़िलिएट मार्केटिंग

आज बहुत सी कम्पनियाँ एफ़िलिएट मार्केटिंग के काम में लगी हुई हैं। इस मार्केटिंग में आपको अपनी साइट बनाकर उस पर दूसरी साइट (जैसे – Amazon, eBay आदि) पर बेचे जा रहे प्रोडक्ट और सर्विसेज को बेचना होता है। इस काम में आप उनकी साइट और प्रोडक्ट को अपनी साइट के ज़रिए प्रोमोट करते हैं। हर बिक्री पर आपको पहले से निर्धारित कमीशन दिया जाता है।

23. वर्चुअल असिसटेंट

किसी असिसटेंट की तरह एक वर्चुअल असिटेंट किसी कम्पनी के वर्चुअल काम करके उससे ऑनलाइन पैसे कमाने का काम करते हैं। इस काम में आपको वेबसाइट मेनटेन और अपडेट करनी होती है, सोशल मीडिया प्रेज़ेंस मैनेज करनी होती है, ईमेल भेजनी होती है और इससे जुड़े बहुत से काम करने होते हैं।

24. एसईओ एक्सपर्टीज़

डिजिटल मार्केटर्स, वेबसाइट ओनर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन एक नया चैलेंज है। इस काम में आपको ऐसे कीवर्ड खोजने होते हैं, जिन्हें कंटेंट में प्रयोग करके आप गूगल जैसे सर्च इंजन में किसी वेबसाइट की सर्च रैंकिंग बढ़ा सकते हैं। आज अनेक कम्पनियाँ अपनी वेबसाइट के लिए एसईओ एक्सपर्ट हायर करती हैं। यह उतना भी टेक्निकल काम नहीं है जितना कि लगता है। यदि आपके अंदर नया सीखने की क्षमता है तो आप इस काम को कर सकते हैं। आप कुछ यूटूब विडियो देखकर और एसईओ आर्टिकल्स पढ़कर कुछ ही समय में यह काम कर सकते हैं।

25. ट्रेनिंग और कंसलटेंसी

अगर आप किसी विषय पर अच्छी जानकारी रखते हैं तो आप उसके बारे में एक ऑनलाइन कंसलटेंसी शुरू कर सकते हैं। यह काम शिक्षा, स्वास्थ्य, प्यार और सम्बंध, पॉज़ीटिव लाइफ़, मैरिज लाइफ़ आदि से जुड़ा हो सकता है। आप इस काम में लोगों को ऑनलाइन ट्रेनिंग देकर ऑनलाइन पैसे कमाने के राह खोल सकते हैं।

26. सोशल मीडिया हैंडलर

इन्हें सोशल मीडिया मैनेजर के नाम से भी जाना जाता है। आज पूरी दुनिया सोशल मीडिया पर आ रही है, इसलिए यह बिजनेस बढ़ाने की एक अवसर है। कम्पनी का सोशल मीडिया पेज और एकाउंट मैनेज करके प्रोडक्ट्स और सर्विस बेची जा सकती है। बड़ी कम्पनियाँ इस काम के लिए नौकरी देती हैं और छोटी कम्पनियाँ फ़्रीलांसर हायर करती हैं। अगर आप इतने क्रिएटिव हैं कि आप किसी सोशल मीडिया पेज को पापुलर बना सकते हैं तो आप इस काम को कर सकते हैं।

27. वेब डिज़ाइनर

जैसे दुनिया इंटरनेट पर आ रही हैं, वेबसाइट की माँग बढ़ रही है। आज कम्पनियाँ ही नहीं बल्कि लोग व्यक्तिगत वेबसाइट्स भी बनवाते हैं। अगर आपने आइटी कोर्स किया है और आप कोडिंग जानते हैं तो वेब डिज़ाइन प्रोजेक्ट लेकर आप अपने अनुभव के आधार पर ऑनलाइन पैसे कमाने का रास्ता निकाल सकते हैं।

28. एनिमेशन

आज एनिमेशन, कार्टून, कॉमिक और फ़िल्मों तक सीमित नहीं रह गया है। आप विज्ञापन, विडियो, मज़ाकिया संदेशों आदि में भी इन्हें देख सकते हैं। इंटरएक्टिव लर्निंग में भी विडियो काम आते हैं। इसलिए आज इस क्षेत्र में बहुत अवसर हैं। ख़ासकर आनलाइन ऐसे अवसर आसानी से मिल जाते हैं।

29. प्रूफ़रीडिंग

क्या आपको पता है किसी की ग़लती निकालने के लिए भी पैसा मिलता है? जी हाँ ये सच है। बहुत सी ऑर्गनाइज़ेशन इस काम को आउट सोर्स करती हैं। इसके लिए आपकी भाषा पर पकड़ होनी चाहिए और व्याकरण का भी ज्ञान होना चाहिए। प्रूफ़रीडर का काम ग़लतियाँ निकालकर उन्हें सही करना होता है, जिसके बाद वह उसे एडीटर के पास भेज देता है। क्या पता किसी की ग़लती आपके लिए पैसा कमाने का ज़रिया बन जाए।

30. फैसिलिटेटर

जहाँ भी कुछ शुरू होता है और ख़त्म होता है, वहाँ कहीं बीच में बिंदु भी होता है। आप एक एजेंट बनकर दूसरों का काम आसान कर सकते हैं। ऑनलाइन ऐसे बहुत से काम हैं जिन्हें आप कर सकते हैं – जैसे लेखक को क्लाइंट से मिलाना, वेबडिवेलपर को क्लाइंट से मिलाना और बहुत से ऐसे काम! एक फैसिलिटेटर के रूप में आपको अच्छा कमीशन मिल सकता है।

 

 

 

 

Tuesday 19 April 2016 | 0 comments |
गूगल ऐडसेंस खाता मुफ़्त बनाया जा सकता है, यह आनलाइन आमदनी का एक सरल और विश्वसनीय तरीक़ा है जिसके द्वारा कोई भी अपनी साइट या ब्लॉग पर गूगल के विज्ञापन दि

गूगल ऐडसेंस खाता मुफ़्त बनाया जा सकता है, यह आनलाइन आमदनी का एक सरल और विश्वसनीय तरीक़ा है जिसके द्वारा कोई भी अपनी साइट या ब्लॉग पर गूगल के विज्ञापन दिखाकर पैसे कमा सकता है। आपको एक गूगल सर्च का विजेट भी मिलता है जिसको प्रयोग करने पर आपके साइट विजिटर को सर्च परिणाम पेज पर भी विज्ञापन दिखते हैं जिससे आपकी आमदनी में इजाफ़े की सम्भावना और अधिक हो जाती है।
गूगल ऐडसेंस खाता बनाना

गूगल ऐडसेंस खाता बनाने के लिए ज़रूरी है…

1. किसी भी प्रयोगकर्ता के पास एक गूगल ब्लॉग या वेबसाइट होनी चाहिए।
2. अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय देशों की वेबसाइटें व ब्लॉग तुरंत स्वीकार किये जाते हैं किंतु भारतीय उपमहाद्वीप और चीन के लिए ब्लॉग व साइट का 6 महीने पुराना होना अति आवश्यक है।
3. यदि आपके पास डोमेन हो तो गूगल ऐडसेंस खाता स्वीकारे जाने की सम्भावना अधिक हो जाती है।
4. ब्लॉग या वेबसाइट की भाषा अंग्रेजी होनी चाहिए। अब हिंदी भाषा के ब्लॉग या साइट के लिए भी ऐडसेंस स्वीकार किया जाता है, लेकिन अन्य भारतीय भाषाओं के ब्लॉग पर स्वीकार नहीं किया जाता है। स्वीकार्य भाषाओं की अधिक जानकारी के लिए नीचे दिया लिंक देखिए।
संदर्भ: http://support.google.com/adsense/bin/answer.py?hl=en&answer=9727
5. गूगल ऐडसेंस खाता किसी को मिल सके इसके लिए काफी सख़्त लेख सामग्री नीतियाँ अपने विज्ञापनकर्ताओं का पूरा ध्यान रखती हैं। इसलिए ऐडसेंस सिर्फ़ उन साइटों व ब्लॉगों के लिए स्वीकार किये जाते हैं जिन पर मूल या असली लेख सामग्री हो।
6. यदि आपके पास पहले से स्वीकारा हुआ गूगल ऐडसेंस खाता है और आप अपने ब्लॉग या साइट पर चोरी किया यानि जो पहले से ही कहीं उपलब्ध सामग्री जैसे लेख, चित्र और मल्डीमीडिया विडियो आदि कुछ भी प्रकाशित करते हैं तो आपका खाता निरस्त कर दिया जाता है।
7. यदि आपकी साइट पर अश्लील सामग्री जैसे वयस्क कहानियाँ और वयस्क विडियो तो आपके आवेदन या खाते को निरस्त कर दिया जाता है।
8. यदि आप कॉपीराइटेड सॉफ़्टवेयर और म्यूज़िक डाउनलोड की साइट चलाते हैं तो उसके अवैध होने की स्थिति में आपके आवेदन या खाते को निरस्त कर दिया जाता है।
संदर्भ: https://support.google.com/adsense/answer/9892
9. आपकी साइट व ब्लॉग पर एक महीने में पाठकों का कितना आवागमन है यह भी एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
10. यदि आप साइट का ट्रैफ़िक पैसे देकर बढ़ाते हैं तो यह बात भी गूगल ऐडसेंस खाता धारक के लिए नियमों के विरुद्ध है।
11. आपको अपनी ही साइट व ब्लॉग पर दिखने वाले विज्ञापनों पर क्लिक करने की अनुमति नहीं होती है।
12. यदि आप अपने मित्रों से अनुरोध करते है कि वे आपकी साइट पर क्लिक करें तो यह भी नियमों के विरुद्ध है।
13. यदि आप अन्य प्रकार का क्लिक अपराध या धोख़ाधड़ी करते पाये जाते हैं तो तुरंत ही गूगल ऐडसेंस खाता निरस्त कर दिया जाता है।
14. आप विज्ञापन दिखाने के लिए iframe का प्रयोग नहीं कर सकते हैं|
संदर्भ: https://support.google.com/adsense/answer/32769?hl=en-IN
15. ऐडसेंस आवेदक को गूगल विज्ञापन दिखाने के दिशा निर्देशों का पूर्ण पालन करना चाहिए।
16. ब्लॉग व साइट पर गोपनीयता नीतियाँ प्रकाशित होनी चाहिए और उनमें ऐडसेंस के नियम और शर्तें स्पष्ट उल्लेखित होनी चाहिए।
संदर्भ: https://www.google.com/adsense/localized-terms
Build Privacy Policy: http://hi.techprevue.com/2012/06/make-privacy-policy-and-terms-of-use-for-blogger-or-site.html
Adding about DoubleClick cookies in privacy policy: https://support.google.com/adsense/answer/1348695?hl=en
17. आपको वेबमास्टर दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके बारे में अधिक जानने के लिए नीचे दिये लिंक पर जायें।
संदर्भ: https://support.google.com/webmasters/answer/35769
18. ऐडसेंस आवेदक का वयस्क होना आवश्यक है उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
19. आवेदक के पास अपने नाम से एक बैंक खाता होना चाहिए ताकि वो गूगल ऐडसेंस से प्राप्त चेक भुना सके। चेक के अतिरिक्त इलेक्ट्रानिक फण्ड ट्रांसफर से भी $100 से अधिक की आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
20. यदि आप Adsense Program Policies के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो नीचे दिये लिंक पर जायें।
संदर्भ: https://support.google.com/adsense/answer/48182?hl=en-IN

अतिरिक्त कुछ महत्वपूर्ण बातें जिनका ध्यान रखना भी आवश्यक है –

1. यदि आप सब कुछ नये सिरे से शुरु कर रहे हैं तो आपके पास लगभग 25 उच्चकोटि के लेख होने चाहिए जिनकी शब्द सीमा 500 से अधिक हो तो अच्छा रहता है।
2. पुराने विषयों पर ही अगर कोई नई जानकारी वाली पोस्ट बना रहे हो तो उसे बिल्कुल अनूठे ढंग से लिखिए जिससे वो गूगल सर्च के परिणामों में उपलब्ध परिणाम वाले पेज पर पहले से ही न प्रकाशित हो चुका हो।
3. अपने वेबसाइट से अनावश्यक जावास्क्रिप्ट वाले सभी गैजेट हटा दीजिए। यह गूगल ऐडसेंस बॉट को भ्रमित कर सकते हैं।
4. आप अपने ब्लॉग को अगर डायरेक्ट्रीज़ में जमा कर रहे हैं तो पेड लिंक से बचे गूगल बॉट इसे आसानी से समझ सकता है। हालाँकि कम्यूनिटी पोर्टल और संकलक का प्रयोग बेहतर रहता है। इसके बारे में पढ़ने के लिए नीचे दिये लिंक पर जाएँ।

5. आप अपने ब्लॉग को साफ़-सुथरा रखिए। तात्पर्य है कि आपके ब्लॉग पर नेवीगेशन सरल और सुव्यवस्थित होना चाहिए।
›› More Information about AdSense Help



 


Monday 18 April 2016 | 0 comments |
साईट से एन्ड्रायड मोबाईल के कुछ गुप्त कोड मिले है जो अपने ब्लाग मे पोस्ट कर रहा हुँ । ये गुप्त कोड आपके काम आयेगें । 

IMEI नंबर देखने के लिए कोड :
*#06#

फोन और बैटरी की सारी जानकारी देखने के लिए कोड :
*#*#4636#*#*

 फैक्ट्री डेटा रीसेट करने के लिए कोड :
*#*#7780#*#*

फोन को फुल फार्मेट करने के लिए कोड :
*2767*3855#

 जीटॉक सर्विस स्क्रीन में देखने के लिए कोड :
*#*#8255#*#*

कैमरा सेटिंग करने के लिए कोड :
*#*#34971539#*#*

कॉल को इंड करने के लिए कोड :
*#*#7594#*#*

 फोन का बैकप लेने के लिए कोड :
*#*#273283*255*663282*#*#*

 जीपीएस टेस्टिंग करने के लिए कोड :
*#*#232331#*#*

 ब्लूटूथ टेस् करने के लिए कोड :
*#*#232337#*#*
Sunday 17 April 2016 | 0 comments |
दोस्तों ! अगर आप किसी भी वेबसाईट के बारे में जानकारी चाहते है जैसे की यह डोमेन नेम किसके नाम से है, उसका मोबाईल न0, ई-मेल, पता इत्यादी तो आप इस ट्रिक का इस्तेमाल कर सकते है। इतना ही आप इस ट्रिक के द्वारा ये भी जान सकते है कि यह वेबसाईट कब रजिस्टर की गई, किस सर्वर पर होस्ट की गई है, इसकी वैलिडिटी कब तक की है इत्यादी ।

निचे दिये गये लिंक पे क्लिक करें । उसके बाद आप जिस भी डोमेन नेम के बारे में जानकारी चाहते है, उसका युआरएल पेस्ट कर दे। बस सारी जानकारी आपके सामने हाजिर हो जायेगी ।


इस वेबसाइट पर जाने के लिये यहाँ क्लिक करें । 

नोट - यह जानकारी सिर्फ ज्ञान बाॅटने के उद्देश्य से दी गई है। अगर आप इसका दुरूपयोग करते है तो इससे होने वाली किसी भी प्रकार के हानी के जिम्मेदार आप खुद होंगें ।
Friday 15 April 2016 | 0 comments |
कई बार ऐसा होता है कि आप किसी खास दोस्त या परिवार के किसी सदस्य से वॉट्सऐप पर बार-बार बात करते हैं और इसके लिए हर बार आप को whatsaap खोलना पड़ता है जिसमे आप का वक़्त बर्बाद होता है !

इस से छुटकारा पाने का एक तरीका है आप कॉन्टैक्ट का शॉर्टकट बना सकते हैं अपने मोबाइल के होम स्क्रीन पर इससे होगा ये की आप को बार बार फ़ोन मेनू में जा के व्हाटएप खोलने की ज़रूरत नहीं होगी !

आप जिस भी ग्रुप या कॉन्टैक्ट का सॉर्ट कट बनाना चाहते हैं उसपर पर ज्यादा देर तक प्रेस कीजिए। इसके बाद ऑप्शन में ऐड कन्वर्सेशन टू शॉर्टकट (Add Conversation To Shortcut) पर क्लिक कीजिए। 




ऐसा करने से आपका कॉन्टैक्ट होम स्क्रीन पर आ जाएगा।

Sunday 10 April 2016 | 0 comments |
अगर आप वॉट्सऐप से डिलीट किये गए अपने किसी सन्देश को दुबारा देखना चाहते हैं तो ये बहुत ही आसन है, वॉट्सऐप इस्तेमाल कर रहे ज्यादातर यूजर्स शायद यह बात नहीं जानते होंगे कि रोजाना सुबह 4 बजे वॉट्सऐप आपके सभी चैट का बैकअप लेता है। यानी आपसे कोई पिछला मैसेज या कन्वर्सेशन डिलीट हो गया है, तो आप उसको दुबारा प्राप्त कर सकते हैं !

डिलीट हुवे मैसेज या कन्वर्सेशन को दुबारा प्राप्त करने का तरीका ! 

सब से पहले वॉट्सऐप को अपने मोबाइल में से अनइन्स्टॉल करें, इसके बाद प्ले स्टोर से वॉट्सऐप को दोबारा डाउनलोड कर के इन्स्टॉल करें ,इन्स्टॉल की प्रोसेस के बाद ये आपसे पुराने मैसेज री-स्टोर करने के लिए पूछेगा यहाँ आप को yes पर क्लिक करना हैं इसके बाद पुराने मैसेज वापस आ जाएंगे। 



ये चित्र गूगल से लिया गया है            

वॉट्सऐप सुबह चार बजे आपके मैसेज का बैकअप लेता है, ये डिफॉल्ट सेटिंग होती है। अगर आप चाहे तो इसको अपने सुविधा अनुसार बदल सकते हैं !













Tuesday 5 April 2016 | 0 comments |
अब WhatsApp को आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर इस्तेमाल कर सकते हैं वो भी बिना किसी दूसरे सॉफ्टवेयर के क्योकि अब वॉट्सऐप का डेस्कटॉप वर्जन आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर दिया गया है !



WhatsApp की इस नई सर्विस को वॉट्सऐप वेब नाम से लॉन्च किया गया है! WhatsApp का नया वर्जन दरअसल अपने आप में मोबाइल वर्जन का एक्सटेंशन है! इसके लिए आपको कोई सॉफ्टवेयर पीसी में डाउनलोड नहीं करना होगा! 
WhatsApp को कंप्यूटर या लैपटॉप में इस्तेमाल करने के लिए सब से पहले आप को अपने मोबाइल के WhatsApp को अपडेट करना होगा और अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में Google Chrome ब्राउज़र इंस्टॉल करना होगा क्योकि WhatsApp अभी सिर्फ Google Chrome में ही खुल सकता है !

अब अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में Google Chrome ब्राउज़र ओपन करें और https://web.whatsapp.com को खोले !


https://web.whatsapp.com खोलने के बाद अपने मोबाइल में whatsapp को ओपन करे और फिर मेनू में जा के WhatsApp Web को क्लिक करें! WhatsApp Web को क्लिक करने के बाद आप के मोबाइल का कैमरा चालू हो जायेगा जिसके दवारा आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में खुले https://web.whatsapp.com के QR कोड को स्कैन करें ! जैसे ही स्कैन पूरा होगा आप का whatsapp आप के कंप्यूटर या लैपटॉप पर खुल जायेगा!
Friday 1 April 2016 | 0 comments |
फोटा से अनावश्यक ऑब्जेक्ट्स और बॅकग्राउंड को कैसे हटाएं
क्या आप कभी ऐसे स्थिति में आए है, जब आप का या आपके दोस्त और परिवार के साथ का अच्छा फोटो बॅकग्राउंड में खड़े किसी और के द्वारा खराब दिख रहा हो?
अगर आपको इन अनचाहे ऑब्जेक्ट्स या बॅकग्राउंड को फोटो में से हटाना है तो आपको फोटोशॉप का पेशेवर ज्ञान की जरूरत है| फोटोशॉप में आप क्लोन स्टाम्प टूल और हीलिंग ब्रश टूल सें अनचाहे ऑब्जेक्ट्स को हटा सकते है| लेकिन इन टूल का उपयोग करने के लिए आप को फोटोशॉप के बारे में जानकारी चाहिए| लेकिन अगर आप के पास फोटोशॉप ही नही है या उस के बारे में ज्ञान नहीं है, तो यहाँ कुछ टूल्स है, जो तस्वीरों से अनावश्यक ऑब्जेक्ट्स को दूर करने के लिए मदद करते है|

Inpaint:
Inpaint यह एक बहुत आसान फोटो एडिटर है, जो आपके डिजीटल फोटो सें अनावश्यक ऑब्जेक्ट्स को निकालना किसी भी विशेषज्ञ ज्ञान के बिना आसान कर देता है| आप इस सॉफ्टवेयर का उपयोग फोटो से अनावश्यक लोगों या ऑब्जेक्ट्स को निकालने, वाटरमार्क, दिनांक/समय का स्टैम्प, स्क्रैच को निकालने के लिए कर सकते है| इसके साथ आप इसमें पुराने फोटो को अच्छा बनाने के लिए या लोगों के चहरें में सुधार करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते है|

How to remove Image Backgrounds
इमेज का बॅकग्राउंड निकालना या बदलना एक आम कार्य है, जीसे करने में हमें बोअर होता है क्योकी यह जटिल और समय लेने वाला काम है| यह काम करने के लिए आपको लासो टूल, पॉलीगॉन लासो टूल ओर मॅजिक वांड टूल जैसे कई टूल का इस्तेमाल करना होता है| तो यहाँ इसका एक समाधान है -

ClippingMagic:
जिनको फोटोशॉप का ज्ञान कम है वे ClippingMagic के बारे मे जरुरी विचार कर सकते है| यह एक वेबसाइट है और आप डाउनलोड किये बिना ऑनलाइन काम कर सकते हैं।
  • इसमें इमेज से बॅकग्राउंड हटाने के लिए सिर्फ इस साइट पर इमेज को ड्रैग और ड्रॉप करें|
  • बाद में इमेज के अग्रभाग को हरा निशान और बॅकग्राउंड को लाल निशान लगांए| आप इस इमेज के साथ बदलाव का लाइव प्रिवू दाईं ओर देख सकते है|
  • पुरा हो जाने के बाद आप इस पारदर्शी बॅकग्राउंड वाली इमेज को डाउनलोड कर सकते है|
Sunday 27 March 2016 | 0 comments |
रजिस्ट्री विंडोज में एक डेटाबेस है, जिसमें सिस्टम हार्डवेयर, इन्स्टॉल्ड प्रोग्राम्स और सेटिंग, और हर एक यूजर की प्रोफाइल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होती है| विंडोज लगातार रजिस्ट्री में जानकारी को दर्शाता है|

किसके लिए विंडोज रजिस्ट्री का प्रयोग किया जाता है?
विंडोज रजिस्ट्री को विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी सेटींग स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है| इसमें सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम्स की सेटींग, ऑपरेटिंग सिस्टम कन्फिग्यरेशन, हार्डवेयर कन्फिग्यरेशन, यूजर की प्राथमिकता, कंट्रोल पॅनल सेटींग और कई अन्य शामिल है|

रजिस्ट्री कैसे बनाती है?
आम तौर पर प्रोग्राम्स और ऐप्लीकेशन अपने आप आवश्यक परिवर्तन करते है| उदाहरण के लिए, जब कोई प्रोग्राम विंडोज मे इन्स्टॉल होता है, तो विंडोज रजिस्ट्री में एक सब key ऐड हो जाती है जिसमें इस प्रोग्राम का लोकेशन, वर्जन, इस प्रोग्राम को कैसे शुरु करे, और कुछ और सेटींग जो एनेबल और डिसेबल हो सकते है| अगर आप विंडोज में कुछ परिवर्तन करते है, तो विंडोज रजिस्ट्री में अपने आप परिवर्तन होता है|

रजिस्ट्री तक कैसे पहुँचे :
आप रजिस्ट्री एडिटर प्रोग्राम के उपयोग सें रजिस्ट्री को कॉन्फ़िगर कर सकते हैं -
  • स्टार्ट मेनू ओपन करें|
  • Run सिलेक्ट करें|यहाँ regedit टाइप करें और एंटर करें|
  • अब आपको रजिस्ट्री एडिटर की विंडोज दिखाई देगी|

विंडोज रजिस्ट्री की संरचना :
रजिस्ट्री के डेटाबेस में, डेटा एक पेड़ के फॉर्मेट में संरचित होता है| इस पेड़ के प्रत्येक नोड को एक key कहा जाता है| प्रत्येक key में सब key और डेटा एंट्रीज जिन्हे वैल्यूज़ कहां जाता है, होते है| किसी भी key में कोई भी कीमत और यह कीमत कौनसे भी रुप में हो सकती है|
एक रजिस्ट्री पेड़ 512 के स्तर तक गहरा हो सकता है| आप एक ही रजिस्ट्री API कॉल के माध्यम से एक समय में 32 स्तर तक बना सकते हैं|

रजिस्ट्री में 5 रुट key होते है, जिनमें से प्रत्येक में विशिष्ट रजिस्ट्री की जानकारी शामिल होती है -

HKEY_CLASSES_ROOT --  इस key में फ़ाइल नेम एक्सटेंशन असोसीएशन और ProgIDs, CLSIDs, और IIDs जैसी COM क्लास रजिस्ट्रेशन की जानकारी होती है| सरल शब्दों में इस इस key में कार्य करने के लिए सुचना या ऐप्लीकेशन शुरु करने के लिए आवश्यक जानकारी होती है|

HKEY_CURRENT_USER -  यह key वर्तमान यूजर की सेटिंग को स्थापित करना आसान बनाता है| इसमे वर्तमान लॉग इन यूजर की विंडोज के लिए कन्फ़िगरेशन इन्फर्मेशन, सॉफ्टवेयर विशिष्ट की जानकारी होती है| इसमें environment variables, data about program groups, , display settings, desktop wallpaper, printers, network connections, और application preferences, keyboard layout आदी जानकारी होती है|

HKEY_LOCAL_MACHINE –  इस key में कम्प्यूटर की विशिष्ट जानकारी होती है, जिसमें इस्टॉल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर शामिल है| इसमें सब key होती है, जीसमें करंट डेटा कन्फिग्यरेशन, प्लग और प्ले की जानकारी (जिसमें सभी हार्डवेयर की सूची जो कभी ना कभी कम्प्यूटर को जोडे हूए थे), नेटवर्क लॉनऑन प्रेफरन्स, नेटवर्क सुरक्षा जानकारी, सॉफ्टवेयर से संबंधित जानकारी और कुछ अन्य सिस्टम की जानकारी होती है|

HKEY_USERS-            इस key में कम्प्यूटर कें सभी वर्तमान के अॅक्टीव यूजर के विशिष्ट कन्फिग्यरेशन इन्फर्मेशन होती है| यहाँ यूजर प्रोफाइल के रुप में प्रोग्राम्स के सेटींग, यूजर व्दारा चुने हुए थीम, कलर, डेस्कटॉप और कंट्रोल पॅनल की सेटींग स्टोर होती है|

HKEY_CURRENT_CONFIG – इस key में स्थानीय कंप्यूटर प्रणाली के मौजूदा हार्डवेयर की प्रोफाइल के बारे में जानकारी है|


रजिस्ट्री का बैकअप
रजिस्ट्री में कुछ भी बदलाव करने से पहले, आपको हमेशा उसकी बैकअप कॉपी बनानी चाहिए|
चरणों का पालन करें -
  • विंडोज 7/ Vista: Run को क्लिक करें और यहाँ Regedit टाइप करें और Enter दबाएं|
  • विंडोज 8: स्टार्ट स्क्रीन में regedit टाइप करें और फिर Regedit|exe पर क्लिक करें|
  • File मेनू में सें Export सिलेक्ट करें|
  • यह फाइल सेव करने के लिए लोकेशन सिलेक्ट करें|
  • रजिस्ट्री बैकअप फ़ाइल के लिए कोई नाम दें|
  • Save को क्लिक करें|
अब आपके पीसी की पूरी रजिस्ट्री का बैकअप हो जाएगा|

बैकअप से रजिस्ट्री को रिस्टोर करे
अगर आपने रजिस्ट्री का बैकअप लिया है और अब उसे फिर से रिस्टोर करना है तो -
  • पहले आपने जहाँ इस रजिस्ट्री की फाइल को सेव किया है वहाँ पर जाए|
  • इस फाइल पर डबल क्लिक करें|
  • जब आपको you are sure you want to add the information to the registry पुछा जाए तो Yes को क्लिक करें|
अब आपकी रजिस्ट्री तुरंत रजिस्ट्री बैकअप फ़ाइल में परिभाषित पिछली सेटिंग पर लौट जाएगी|

रजिस्ट्री की क्लीनिंग
जब कम्प्यूटर का ऑपरेशन स्पिड कम होगा, स्टार्टअप के लिए लंबा समय लगेला या लगातार पीसी  फ्रीज हो रहा होगा तो यह समझ जाएं की रजिस्ट्री क्लीनिंग करने की जरुरत है|
हमनें पहले देखा की रजिस्ट्री में हजारों एट्रीज हो सकती है, और नई एट्रीज हर समय बन रही है| जब यह जादा इन्फर्मेशन से भर जाती है, तो यह आपके पीसी के प्रदर्शन पर असर करता है| विंडोज के साथ समस्या यह है की, इसमें जब आप कोई प्राग्राम अनइन्स्टॉल करते है तो इस प्रोग्राम से संबंधीत एन्ट्रीज कभी भी निकाली नही जाती| इस कारण से रजिस्ट्री को क्लिन करने की जरुरत पडती है| लेकिन प्रभावी ढंग से यह सफाई मैन्युअली करना आसान नहीं है| इस काम को करने के लिए CCCleaner जैसे कई प्रोग्राम है, जो आसानी से रजिस्ट्री को क्लिन करते है|

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किसी समय हम में से कई डेटा खो जाने की स्थिति से गुजरे हांगे| वायरस, करप्ट या अॅक्सेस ना होनेवाले डेस्कटॉप, लॅपटॉप या अन्य एक्सटर्नल स्टोरेज से हमारा डेटा नष्ट हुआ है| इस पोस्ट में सबसे आम डेटा नष्ट होने की स्थिती का वर्णन है और डेटा रिकवरी के बारे में जानकारी है|

डाटा रिकवरी:
सरल भाषा में डेटा रिकवरी याने नष्ट हुआ डेटा रिस्टोर करने की प्रोसेस है| यह डेटा रिकवरी प्रोसेस डेटा नष्ट होने की परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती हैं|
इनकी जानकारी लेते है -

गलती से फ़ाइल या फ़ोल्डर को डिलीट करना:
जब आप कोई फाइल को डिलीट करते है, तो इसे ड्राइव से तुरंत हटाया नही जाता, लेकिन डिलीट का मार्क लगा दिया जाता है और वे ड्राइव में ही रहते है जबतक किसी अन्य फाइल व्दारा ओवरराइट नही किया जाता| इस दौरान मूल फाइल कई बार डिस्कनेक्टिड फ्रैग्मन्ट के रुप में फाइल वैसेही रहती है और रिकवर हो सकती है|
इस मामले आप इन फाललों की जगह नया डेटा ओवरराइट होने से पहले अच्छे डेटा रिकवरी सॉफ्टवेयर से डेटा को आसानी से रिकवर कर सकते है| यह सॉफ्टवेयर मास्टर फाइल टेबल (MFT)से डिलीटेड एंन्ट्रीज को खोजने के लिए के लिए पुरा ड्राइव स्कॅन करते है| और फिर इन डिलीटेड एंन्ट्रीज के लिए रिकवरी के लिए क्लस्टर चेन को डिफाइन करते है और फिर इन क्लस्टर से डेटा को नये में कापी करते है| लेकिन डेटा रिकवरी सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने से पहले आपको फाइल सिस्टम के बारे में मालूम होना चाहिए|

फाइल सिस्टम फॉर्मैट:
फाइल सिस्टम डिस्क या पार्टीशियन में फाइल्स का ट्रैक रखने के लिए ऑपरेटींग सिस्टम की एक मेथड और डेटा स्ट्रक्चर है| इसे वायरस या गलत निर्देश से नुकसान पहंच सकता है| विंडोज ऑपरेटींग सिस्टम में दो फाइल सिस्टम होते है NTFS और FAT| जब आप ड्राइव को फॉरमॅट करते है, तो यह नया फाइल सिस्टम रंरचना बनाता है और इसे ओवरराइट करता है|
सक्षम डेटा रिकवरी सॉफ्टवेयर क्रैश फाइल सिस्टम से डैमज्ड पार्टिशन से डेटा रिकवर कर सकते है, जो उपलब्ध अलोकेशन जानकारी और क्षति की स्थिती पर निर्भय है| कई बार जब वही फाइल सिस्टम से फॉरमॅट किया हो तो डेटा रिकवरी की संभावना अधिक होती है|

करप्ट पार्टिशन:
कुछ मामलों में, हार्ड ड्राइव का डेटा डैमेज पार्टीशियन टेबल के कारण से अनरिडेबल होता है| यह एक फाइल सिस्टम सें दूसरे फाइल सिस्टम में रुपांतरण करते वक्त, वायरस का संक्रमण या तीसरे पक्ष के टूल सें नया पार्टीशियन टूल बनाने से हो सकता है|
कई मामलों में यह रिकवरी सॉफ्टवेयर की मदद से डिलीट और क्षतिग्रस्त लॉजिकल ड्राइव और पार्टीशियन से डेटा रिकवरी संभव है|

ओवरराइट डेटा:
जब डेटा फिज़िकली पिछले डेटा पर ओवरराइट होता है, तब आप पुराना डेटा खो देते है| दुर्भाग्य से ऐसे ओवरराइट होने के बाद डेटा रिकवरी संभव नही है|

फिज़िकली डैमेज:
हार्ड ड्राइव के फेल होने के कई कारण है, जैसे हार्डवेयर ओवरहिटींग, बिजली प्रवाह या नमी| इस मामले में आप को ड्राइव को विशेष डेटा रिकवरी प्रयोगशाला मे ले जाना चाहिए|

अगर आपने कभी आपका डेटा खोया है तो इसका अनुभव शेयर करें|
Saturday 26 March 2016 | 0 comments |
जब आप नोटिस करते है की, आपका पीसी धीमी गति से चल रहा है, तो निश्चित ही आपको हार्ड डिस्क डिफ्रॅग करनी चाहिए| क्या आपको कभी यह सवाल आया है की डिफ्रॅग्मेंट्स क्या है? और डिफ्रॅग्मेंटींग करके हार्ड का प्रदर्शन कैसे  बेहतर होता है? इस पोस्ट में इस बारे में चर्चा करेंगे|
 
Disk Fragmentation:
डिस्क फ्रैग्मन्टेशन यह एक प्रोसेस है, जो डिस्क वाल्यूम के डेटा के फ्रॅग्मेंट्स(टुकडे) को संघटित करता है जिससे वह अधिक कार्यकुशलता काम कर सके|
Defragment है क्या समझने के लिए पहले आपको हार्ड डिस्क कैसे काम करती है और हार्ड डिस्क मे डेटा कैसे संग्रहित होता है यह जानाना महत्वपूर्ण है|

हार्ड डिस्क कैसे काम करती है?
हार्ड डिस्क में कई रोटेटींग प्लैटर्स होते है, जिन्हे डेटा प्लैटर्स भी कहा जाता है| हर एक प्लैटर के हर एक साइड में संकेन्द्रित गोलाकार स्ट्रिप होते है, जिन्हे ट्रैक्स कहा जाता है और हर एक ट्रैक्स सेक्टर में बांटा जाता है| प्रत्येक सेक्टर 512 बाइटस का डेटा संग्रह करता है| क्लस्टर डिस्क के सबसे छोटे युनिट का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे फाइल को स्टोर करने के लिए आवंटित किया जाता है|
सेक्टर के ग्रुप को क्लस्टर कहते है और यह सेक्टर से बडा युनिट होता है|जब आप हार्ड ड्राइव पर डेटा संग्रहित करते है, तो यह उस फाइल को अखंडीत संग्रहित करता है| तकनीकी भाषा में, फाइल सिस्टम, फाइल का डेटा संग्रहीत करने के लिए क्लस्टर का एक समूह आवंटित करता है| उदाहरण के लिए, अगर हर एक क्लस्टर का आकार 512 बाइट है और फाइल का आकार 900 बाइट है, तो यह फाइल को संग्रहित करने के लिए 2 क्लस्टर आवंटित होंगे| बादमें जब आप इस फाइल को अपडेट किया और उसका आकार 1600 बाइट हुआ, तो इस फाइल को संग्रहित करने के लिए अन्य दो क्लस्टर को आवंटित किया जाएगा|
हार्ड डिस्क में एक छोटा आर्म (हाथ) होता है जो डिस्क के सतह पर घुमता है| जब आप इस फाइल को ओपन करते है, तो इस आर्म को इन विशेष सेक्टर तक जाना होता है और इसी समय प्लैटर को सही स्थिती में आने के लिए चक्कर लगाना पडता है| अगर आप को यह अॅक्सेस टाइम कम करना चाहते है, तो आपको आर्म की गतिविधी को जितना संभव हो उतना कम करना होगा और इसके लिए डिस्क में डेटा क्रमबद्ध खंडों मे संग्रहित होना चाहिए|अब ऐसे स्थिती की कल्पना करें की आपकी ड्रार्ड डिस्क डेटा से पुरी भर जाने के बाद आपने अन्य डेटा संग्रहित करने के लिए कुछ डेटा डिलीट किया है और यह खाली जगह हार्ड की सतह पर बिखरी हुई है|
अब जब आप कोई प्रोग्राम इन्स्टॉल करते है या बड़ी फ़ाइल स्टोर करते है, तो यहां यह सम्भावना होती है की इसे हार्ड में स्टोर करने के लिए क्रमबद्ध जगा ना मिले| ऐसे समय यह डेटा खंडित होकर कई जगह पर स्टोर होता है| इस तरह डेटा फ्रैग्मेन्ट होता है|
अब जब कम्प्यूटर इस प्रोग्राम को रन करने की या बड़ी फाइल को ओपन करने की कोशिश करता है, तब डिस्क आर्म को कई लोकेशन पर जाना पडता है| इसका परिणाम कम्प्यूटर की धीमी गति में होता है|

Fragments:
हार्ड डिस्क के इन सभी खाली जगह और प्रोग्राम और फाइलों के बिखरे टुकडों को फ्रॅगमेंटस कहा जाता है|
समय के साथ फाइलें संग्रहित करने, उनमें बदलाव करने या उन्हे डिलीट करने सें फ्रैग्मन्टेशन होता है| समय के साथ फाइल और वाल्यूम दोनों खुद फ्रैग्मन्टेड हो जाते है और आपका कम्प्यूटर स्लो हो जाता है क्योकी हार्ड के अैक्सेस आर्म को एक फाइल ओपन करने के लिए कई जगह जाना पडता है|

How Disk Fragmentation works:
Disk Defragmenter यह एक टूल है जो वॉल्यूम के फ्रैग्मन्टेड डेटा को पुनः व्यवस्थित करता है जिससें आपका कम्प्यूटर अधिक कार्यकुशलता से चलें|
Disk Defragmenter आपके हार्ड डिस्क में फ्रॅगमेंटस को खोजता है और डेटा एक एक स्थान से दुसरे स्थान मे इस तरह सें स्थानांतरीत करता है की डेटा एकसलग्न रहें| इससे प्रोग्राम और डेटा अधिक कुशलता से और तेज गती से रन होते है क्याकी सिस्टम को कई लोकेशन से डेटा को रिड नही करना पडता|
हार्ड ड्राइव Defragment करने के लिए दो तरीके है, एक विंडोज डिस्क Defragmenter है जो ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आता है, दूसरा तीसरे पक्ष का प्रोग्राम है|

1) Using the Windows Disk Defragmenter:
·                     विंडोज 7 के सर्च बॉक्स में Disk Defragmenter टाइप करें और Enter करें|
·                     सभी ऐप्लीकेशन और फाइलों को बंद करें|
·                     वर्तमान स्थिति में आप को डिस्क को defragment करने की जरुरत है या नही यह तय करने के लिए Analyze disk को क्लिक करें|
( विंडोज का डिस्क विश्लेषण समाप्त हो जाने के बाद, आप पिछले रन में फ्रैग्मन्टेशन का प्रतिशत देख सकते है| अगर यह प्रतिशत 10% से ऊपर है, तो आप को डिस्क defragment करनी चाहिए|)
·                     Defragment Disk को क्लिक करें|
डिस्क डिफ्रैग्मेंन्ट का समय आपकी हार्ड डिस्क के फ्रैग्मन्टेशन के आकार पर निर्भर करता है, इसे समाप्त होने के लिए कुछ मिनट से कई घंटे लग सकते है| आप अब भी डीफ़्रेग्मेंटेशन प्रक्रिया के दौरान अपने कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं|

2) Using Third Party application:
सबसे अच्छे और मुक्त Disk Defragmenter ऐप्लीकेशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें|

Friday 25 March 2016 | 2 comments |

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