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how send receive sms chrome without phone

माइटीटेक्‍ट नाम की इस एप्‍लीकेशन आप अपने क्रोम में डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले क्रोम एक्‍टेंशन में जाकर माइटी टेक्‍ट (MightyText) सर्च करें, माइटी टेक्‍ट सर्च करने के बाद उसे क्रोम एक्‍टेंशन में एड कर लें। इसके बाद माइटी टेक्‍ट को अपने मोबाइल में गूगल प्‍ले में जाकर डाउनलोड कर लें। अब आपके क्रोम ब्राउजर और मोबाइल दोनों में माइटी टेक्‍ट एप्‍लीकेशन इंस्‍टल हो चुकी है। जब इंस्‍टॉलेशन कंप्‍लीट हो जाए तो एप्‍लीकेशन को ओपेन करें और उसे गूगल एकाउंट से अटैच कर दें। गूगल एकाउंट से माइटी टेक्‍ट एप्‍लीकेशन को अटैच करने के बाद आप अपने क्राम ब्राउजर से दोस्‍तों को मैसेज भेजने के साथ मैसेज रिसीव भी कर सकते है।



जब भी आप क्‍लास या फिर कभी ऐसे काम के लिए जाते हैं जहां पर मोबाइल का प्रयोग नहीं कर सकते ऐसे में अगर आपके दोस्‍त कोई मैसेज करते हैं तो उन्‍हें रिसीव करना बेहद मुश्‍किल काम है। हां आजकल भले सोशल नेटवर्किंग साइटों में दोस्‍तों से दिन भर चैटिंग कर लेते हों लेकिन फिर भी मोबाइल से मैसेज करना का ट्रैंड युवाओं में अभी भी बरकरार है। हम आपको आज ऐसी क्रोम एप्‍लीकेशन के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आप अपने क्रोम ब्राउजर में मोबाइल के एसएमस रिसीव कर सकते हैं।

Friday, 30 August 2013 | 0 comments |

अगर आप ने भी एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा) से कोई पॉलिसी खरीदी है तो पॉलिसी चेक करने के लिए एलआईसी ऑफिस में लम्‍बी लाइन लगाने या इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं आप अपनी पॉलिसी का स्‍टेट्स कभी भी ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। इसके अलावा चाहें तो पॉलिसी स्‍टेट्स को मैसेज द्वारा भी चेक कर सकते हैं। नीचे दी गई स्‍टेप को ध्‍यान से फॉलो करें और अपनी एलआईसी पॉलिसी का स्‍टेट्स जानें।

एसएमएस से पॉलिसी डीटेल जानने के लिए अपने मोबाइल से 56677 में एसएमएस करें उदाहरण के लिए अगर आपको अपनी पॉलिसी के प्रीमियम के बारे में जानना हैं तो अपने मोबाइल से एसएमएस करें ASKLIC PREMIUM लिखकर 56677 पर भेज दें। ऐसे ही पॉलिसी नंबर की जगह आप

Premium - पॉलिसी प्रीमियम जानने के लिए
 Revival - अगर आपकी पॉलिसी लेप्‍स हो गई है
 Bonus - बोनस जानने के लिए
 Loan - लोन एमाउंट जानने के लिए 
NOM - नॉमिनेशन की डीटेल जानने के लिए
 
ऑनलाइन पॉलिसी चेक करने के लिए सबसे पहले आप एलआईसी की वेबसाइट में अपना रजिस्‍ट्रेशन करना होगा रजिस्‍ट्रेशन करने के लिए क्लिक करें। इसके लिए कोई भी चार्ज नहीं लगेगा। रजिस्‍ट्रेशन करने के लिए आपको अपना नाम, पॉलिसी नंबर के साथ अपनी जन्‍मतिथी फार्म में भरनी होगी। जब आप एलआईसी की साइट में रजिस्‍ट्रेशन कर लेंगे तो अपना एकाउंट ओपेन करके कभी कभी पॉलिसी का स्‍टेट्स चेक कर सकते हैं।
Wednesday, 28 August 2013 | 1 comments |
फेसबुक दुनिया की सबसे पॉपुलर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों में से एक है। फेसबुक में 850 मिलियन एक्‍टिव यूजर है, इनमें से काफी ऐसे यूजर है जो दोस्‍तों के साथ रोज चैटिंग में मस्‍त रहते हैं। क्‍या आप जानते हैं फेसबुक में कई तरह की शार्टकर्ट की होती है जिनकी मदद से आप कई तरह की स्‍माइली और इमोशन बना स कते हैं।

फेसबुक सर्च बॉक्‍स में जाने के लिए - alt + /
 मैसेज भेजने के लिए - alt + m
 होम पेज में जाने के लिए - alt + 1
 प्राफाइल पेज में जाने के लिए - alt + 2
 किसी की फ्रेंड रिक्‍वेट को एक्‍सेप्‍ट और डिनाए करने के लिए - alt + 3
 फेसबुक मैसेज पेज में जाने के लिए - alt + 4
 फेसबुक नोटिफिकेशन जानने के लिए - alt + 5 
एकाउंट सेटिंग में जाने के लिए - alt + 6
 प्राइवेसी सेटिंग चेक करने के लिए - alt + 7
 फेसबुक फैन पेज चेक करने के लिए - alt + 8 
फेसबुक कंडीशन पढ़ने के लिए - alt + 9

Monday, 26 August 2013 | 0 comments |

how check your train location भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नटर्वकों में से एक है। रोज लाखों लोग ट्रेन में एक जगह से दूसरी जगह सफर करते हैं। भारतीय रेलवे ने अपने मुसाफिरों को और अधिक सुविधा देने के लिए (National Train Enquiry System) एक नई साइट लांच की है जिसकी मदद से पल भर में आप अपनी ट्रेन का लोकेशन जान सकते हैं। इतना ही नहीं पीसी के साथ भारतीय रेलवे ने एक एंड्रॉएड एप्‍लीकेशन भी लांच की है जिसकी मदद से यूजर अपने फोन में ट्रेन की लोकेशन जान सकता है। जैसे मान लीजिए अगर आपका का कोई दोस्‍त या फिर परिवार का सदस्‍य ट्रेन से कही जा रहा है और उसका मोबाइल नंबर नहीं मिल रहा है तो रेलवे की नई साइट से आप पल भर में जान सकते हैं कि जिस ट्रेन में वे सफर कर रहें है वो अभी किस स्‍टेशन में पहुंची है या फिर किस रूट में है।

 
 ट्रेन लोकेशन सर्च करने के लिए सबसे पहले इनमें से कोई भी एक नंबर या नाम सर्च बॉक्‍स में डाले 
 ट्रेन नंबर 
ट्रेन का नाम 
स्‍टेशन कोड बीच के स्‍टेशन का नाम 
 2- इसके बाद सर्च किए गए नामों में से कोई एक नाम चुन लें 
3- ट्रेन की लोकेशन, टाइम और ट्रेन कितनी लेट है, कब अपने गंतव्‍य तक पहूंचेगी के अलावा दूसरी जानकारी मिल जाएगी। 
 
फोन में कैसे जाने ट्रेन की लोकेशन सबसे पहले इस बात का पता लगा ले आपका मोबाइल फोन में एप्‍लीकेशन रन करेगी या नहीं। स्‍मार्टफोन में फ्री एप्‍लीकेशन डाउनलोड करने के लिए http://www.trainenquiry.com पर लॉग इन करें
Sunday, 25 August 2013 | 0 comments |
आजकल लगभग सभी स्‍मार्टफोनों में जीपीएस प्रणाली का फीचर दिया जा रहा है। मगर अधिक्‍तर फोन उपभोक्‍ताओं को जीपीएस के बारे में पता नहीं होता। दरअसल जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्‍टम) एक उपग्रह प्रणाली पर काम करता है।
    how use gps
  •  जीपीएस तकनीक उपग्रहों द्वारा भेजे गए संदेशो पर काम करती है। मोबाइल में जीपीएस तकनीक के प्रयोग द्वारा यूजर अपनी स्थिती का आसानी से पता लगा सकता है मान लीजिए आप दिल्‍ली के कनॉट प्‍लेस में है और आपको लाल किले तक जाना है तो जीपीएस तकनीक की मदद से आसानी से लाल किले का रास्‍ता जीपीएस तकनीक द्वारा लगाया जा सकता है। जीपीएस डिवाइस उपग्रह से प्राप्‍त सिंगनल द्वारा उस जगह को मैप में दशार्ती रहती है। 
  •  जीपीएस का प्रयोग ट्रैनों, जहाजों की स्थिती, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, और सेना में काफी समय से किया जाता रहा है। 
  •  जीपीएस को प्रयोग करने के लिए सबसे पहले अपने स्‍मार्टफोन में जीपीएस के ऑप्‍शन को ऑन कर दें।
  •  अब आप जिस जगह जाना चाहते हैं उसका नाम नीचे दिए गए सर्च बाक्‍स में डाले, या फिर आप अपनी लोकेशन जानना चाहते हैं तो ध्‍यान से देखने पर फोन की 
  •  स्‍क्रीन में एक बिंदू यानी ग्रीन कलर का प्‍वाइंट दिया होगा वो प्‍वाइंट जहां पर बना है वहीं आपकी लोकेशन है।
  •  जीपीएस एकाउंट में कई दूसरी सेटिंग ऑप्‍शन भी होते हैं जैसे आप अपनी कुछ पसंदीदा जगहों को सेट कर सकते हैं ताकि आप शहर के किसी भी कोने में क्‍यों न हो बस एक क्ल्कि करते ही आपको पता चल जाएगा कि आप उस लोकेशन से कितनी दूर हैं।
Saturday, 24 August 2013 | 0 comments |
विंडो 7 में कई ऐसे फीचर दिए गए है जिनके बारे में हम में से काफी लोग उन फीचरों का प्रयोग नहीं कर पाते। हम आपको आज कुछ ऐसे ही फीचरों के बारे में बताएंगे। जिनकी मदद से आप विंडो 7 को और अच्‍छी तरह प्रयोग कर सकते हैं। 
विंडो 7 स्‍क्रीन शॉर्टकट 
अगर आपको अपने विंडो पीसी या फिर लैपटॉप की स्‍क्रीन को किसी भी एंगल में घुमाना है। तो इसके लिए ऐरो बटन का प्रयोग करें। स्‍क्रीन को घूमाने के लिए विंडो बटन के साथ राइट, लेफ्ट या फिर ऊपर की ओर दी गई ऐरों बटन दबाएं इससे आपकी स्‍क्रीन भी घूमने लगेगी।
 स्‍क्रीन को बड़ा छोटा करें  
विंडो 7 कीबोर्ड में स्‍क्रीन के डिस्‍प्‍ले को बड़ा या फिर छोटा करने के लिए प्‍लस और माइनस की का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए विंडो बटन के साथ प्‍लस और माइनस बटन को एक साथ दबाएं।
 बैकग्राउंड में चल रहे सभी प्रोग्राम एक साथ बंद करें  
अगर विंडो बैकग्राउंड में एक साथ ढेर सारे प्रोग्राम चल रहे हैं और आप उन्‍हें बंद करना चाहते हैं तो इसके लिए विंडो बटन के साथ होम बटन दबाएं (Windows key + the home key) इससे आपकी फुल स्‍क्रीन ओपेन हो जाएगी। 
अपनी पसंदीदा साइटें पिन करें 
अगर आपको रोज कुछ साइटें बार-बार ओपेन करनी पड़ती हैं तो उन साइटों को अपने टास्‍कबार में पिन कर सकते हैं। जैसे मानलीजिए आप को कोई ऑनलाइन फोटो एडीटिंग साइट रोज आपेने करनी पड़ती है तो आप उसे पिन कर सकते हैं पिन करने के बार आप जैसे ही अपना ब्राउजर ओपेन करेंगे वे साइटे अपने आप फिर से ओपेन हो जाएंगी यानी आपको दोबारा गूगल में जाकर साइट आपेन करने की जरूरत नहीं। साइट पिन करने के लिए साइट के टास्‍कबार में जाकर माउस में राइट क्लिक करें आप पिन ऑप्‍शन चुनें ।
 स्‍क्रीन को कैसे घुमाएं  
अगर आपको अपने विंडो पीसी या फिर लैपटॉप की स्‍क्रीन को किसी भी एंगल में घुमाना है। तो इसके लिए ऐरो बटन का प्रयोग करें। स्‍क्रीन को घूमाने के लिए विंडो बटन के साथ राइट, लेफ्ट या फिर ऊपर की ओर दी गई ऐरों बटन दबाएं इससे आपकी स्‍क्रीन भी घूमने लगेगी।

Tuesday, 20 August 2013 | 0 comments |
reasons root your android device मोबाइल को रूट करने के बारे में आप सभी ने सुना होगा लेकिन क्‍या आप जानते हैं आखिर मोबाइल रूट करने का मतलब क्‍या होता है। हम जब भी कोई नया फोन खरीदते हैं तो उसमें कुछ एप्‍लीकेशन पहले से इंस्‍टॉल होती हैं। हम उन एप्‍लीकेशनों का प्रयोग तो कर सकते हैं लेकिन उनमें कोई बदलाव नहीं कर सकते। इसके अलावा फोन में जो भी सॉफ्टवेयर इंस्‍टॉल है उसमें भी कोई छेड़खानी नहीं कर सकते लेकिन अगर आप अपने फोन को रूट कर दें तो आप अपने फोन में कुछ भी बदलाव कर सकते हैं यानी एक तरह से आप अपने फोन को हैक कर लें। फोन रूटिंग की मदद से आप अपने फोन की प्रोसेसिंग स्‍पीड को बढ़ा सकते हैं, लेकिन इससे फोन के प्रोसेसर पर काफी दवाब पड़ता है। reasons root your android device फोन रूट करने से नुकसान फोन रूट करने के बाद आपके फोन की वारंटी और गारंटी दोनों चली जाती है फिर चाहे आपने वो फोन 1 घंटा पहले क्‍यों न खरीदा हो। फोन रूट करना एक तरह से अपने फोन हैक करने के बराबर है जो आपके फोन को हमेशा के लिए खराब भी कर सकता है। कोई भी आर्थोराइज्‍ड शॉप आपका फोन रूट नहीं कर सकती। अगर आप गूगल प्‍ले पर पूरा दिन एप्‍लीकेशन ढूड़ने में ही लगा देते हैं तो फोन रूट करने के बाद आपको अपना समय बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं। एक बार फोन रूट करने के बाद आप कई नई एप्‍लीकेशन भी एक्‍सेस कर सकते हैं। फोन रूट करने के कई तरीके होते हैं जैसे आप नेटर्वक स्‍पूफर की मदद से किसी का वाईफाई पासवर्ड भी चुरा सकते हैं हालाकि ये गलत है। लेकिन टेस्‍टिंग के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है।

Monday, 19 August 2013 | 0 comments |

अगर आपके पास एंड्रायड फोन या फिर ब्‍लैकबेरी जैसे महंगे फोन नहीं है इसका मतलब ये नहीं की आप गूगल की वॉयस फ्री मैसेजिंग और वॉयस फीचर का लाभ नहीं उठा सकते बल्‍कि गूगल की ये सर्विस किसी भी फोन में प्रयोग की जा सकती है। गूगल वॉयस और फ्री मैसेजिंग सर्विस के अलावा आप इसमें कई दूसरे फीचरों का प्रयोग भी कर सकते हैं। जैसे नंबर पोर्टिंग- नंबर पोर्टिंग की मदद से आप अपना मोबाइल नंबर गूगल वॉयस नंबर में पोर्ट कर सकते हैं इससे आप कभी भी फोन कॉल कर सकते हैं लेकिन इसके आपको गूगल को पेमेंट करना होगा। गूगल वॉयस ऑन स्‍प्रिंट- ये फीचर भारत में अभी उपलब्‍ध नहीं है क्‍योंकि इसके लिए आपके पास स्‍प्रिंट का नंबर होना चाहिए जो अभी केवल विदेशों में अपनी सर्विस प्रोवाइड करती है। इस फीचर की मदद से आप अपने स्‍प्रिंट मोबाइल नंबर को घर के सेलफोन से कनेक्‍ट कर सकते हैं। गूगल वॉयस लाइट- वॉयस लाइट की मदद से आप अपनी सभी डिवाइसेस में एक वॉयस मेल का फीचर अटैच कर सकते हैं। अगर उस नंबर पर आपको कोई वॉयस मेल करता है तो उसे सभी डिवाइसेस में प्रयोग कर सकते हैं। कैसे प्रयोग करें गूगल वॉयस



Sunday, 18 August 2013 | 0 comments |

tips using the sony xperia z as under water सोनी का एक्‍सपीरिया जेड न सिर्फ वॉटरप्रूफ फोन है बल्‍कि इसमें धूल का भी कोई असर नहीं होता। इसके लिए फोन को IP55 और IP57 रेटिंग भी दी गई है। यानी आप अपने फोन को कभी भी पानी से धो सकते हैं लेकिन फोन के ऊपर पानी डालने से पहले इस बात का ध्‍यान रखें कि उसके सभी पोर्ट बंद हों। क्‍या आप जानते हैं सोनी एक्‍सपीरिया जेड की मदद से आप पानी के अंदर वीडियो भी ले सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना होगा जैसे। सोनी एक्‍सपीरिया जेड में दिए गए फीचरों पर एक नजर
 5 इंच की फुल एचडी 1080 पिक्‍सल स्‍क्रीन 
 मोबाइल ब्रेविया इंजन 2 
 एंड्रायड 4.1 जैली बीन ओएस 
16 जीबी इंटरनल मैमोरी, 2जीबी रैम
 13 मेगापिक्‍सल रियर कैमरा
 8 मेगापिक्‍सल एक्‍नॉस आर फ्रंट कैमरा 
स्‍नैपड्रैगन एस 4 प्रो क्‍वॉड कोर प्रोसेसर 
वॉटरप्रूफ और डस्‍टप्रूफ 
कीमत- 38,990 रुपए
सोनी एक्‍सपीरिया में आप जैसे पानी डालेंगे या फिर उसे पानी के अंदर प्रयोग करेंगे। फोन की स्‍क्रीन में एक एप्‍लीकेशन ओपेन हो जाएगी इस एप्‍लीकेशन में आप को बताया जाएगा कि कौन सी एक्‍टीवीटी पानी के अंदर न करें। इसके बाद आप फोन में वीडियो कैमरा ऑन कर सकते हैं। 
 
पानी के अंदर वीडियो रिकार्डिंग करने से पहले रोशनी का खास ध्‍यान रखें इसलिए पानी में ऐसी जगह वीडियो रिकार्डिंग करें जहां पर पर्याप्‍त रोशनी हो।
 
 पानी के अंदर अगर आप वीडियो रिकार्डिंग कर रहें हैं और उसी दौरान आप वीडियो रिकार्डिंग बंद करना चाहते हैं इसके लिए आपको बाहर आना होगा क्‍योंकि पानी के अंदर फोन रिकार्डिंग बंद नहीं होगी।
 
 सोनी एक्‍सपीरिया जेड से पानी के अंदर वीडियो लेने से पहले इस बात का ध्‍यान रखें की फोन की बैटरी फुल चार्ज हो क्‍योंकि ऐसे में आप पानी के अंदर तो फोन चार्ज नहीं कर सकते। इसके अलावा पानी के अंदर वीडियो रिकार्डिंग में ज्‍यादा बैटरी खर्च होती है।
 
 वीडियो रिकार्डिंग के समय आप पानी के अंदर फोटो भी खींच सकते हैं इसके लिए बस आपको जो भी फोटो लेनी है वीडियो रिकार्डिंग के समय स्‍क्रीन में टच कर दीजिए आपकी फोटो कैपचर हो जाएगी।



 

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मोबाइल फोन रेडियेएशन का मुद्दा काफी पुराना है, मोबाइल फोन उपभोक्‍ताओं की बढती संख्‍या के साथ मोबाइल टावरों की संख्‍या में भी बढ़ोत्‍तरी हो रही है। डब्‍लूएचओं के शोध के मुताबिक मोबाइल सिंग्‍नल द्वारा जो रेडिएशन होता है उससे कैंसर होने का खतरा ज्‍यादा है। ऐसे में आम जनता को इस बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं है। लेकिन रेडिएशन को लेकर भी दो तरह के मत सामने आ रहे हैं इनमें से कुछ लोगों का कहना है कि मोबाइल से रेडिएशन का कोई खतरा नहीं होता जबकि कुछ जानकार इसे गलत ठहराते हैं। वैसे भारत सरकार ने भी रेडिएशन के खतरे को मानते हुए लोगों को कई तरह हिदायते दी हैं। मोबाइल फोन से रेडिएशन होने पर थकान के साथ नींद आना, काम में ध्‍यान न लगना, कानों में सीटी बजने के अलावा कई तरह के अंदरूनी दिक्‍कते भी होने लगती हैं। मोबाइल फोन प्रयोग करने से पहले थोड़ा सावधान रहें अपने बात करने के समय को कम रखें, मतलब आधा घंटे या एक घंटे तक मोबाइल में बात करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। रेडिएशन के खतरे को कम करने के लिए अगर आपके फोन में सिगनल कम है तो कॉल न करें क्‍योंकि सिगनल कम होने पर मोबाइल फोन से ज्‍यादा रेडिएशन निकलता है। अगर आप ज्‍यादा देर तक बात करते हैं तो फोन की जगह इयर फोन लगा कर बात करें इससे फोन रेडिएशन दिमाग पर कम असर करता है। अगर आप चाहें तो इयरफोन की जगह जाउड स्‍पीकर पर भी बात कर सकते हैं। मोबाइल फोन जहां तक हो सके शर्ट की लेफ्ट पॉकेट में न रखें यानी बांयी ओर क्‍योंकि आपका दिल भी उसी तरफ होता है। अगर आप ध्‍यान से देखें तो हर मोबाइल की एसएआर रेटिंग दी गई होती है रेडिएशन से बचने के लिए आप ऐसे मोबाइल खरीदे जिसमें कम एसआर रेटिंग दी गई हो।

बात करने का समय कम रखें 
अपने बात करने के समय को कम रखें, मतलब आधा घंटे या एक घंटे तक मोबाइल में बात करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
कम सिगनल में बात न करें
 रेडिएशन के खतरे को कम करने के लिए अगर आपके फोन में सिगनल कम है तो कॉल न करें क्‍योंकि सिगनल कम होने पर मोबाइल फोन से ज्‍यादा रेडिएशन निकलता है।
इयरफोन लगाएं 
अगर आप ज्‍यादा देर तक बात करते हैं तो फोन की जगह इयर फोन लगा कर बात करें इससे फोन रेडिएशन दिमाग पर कम असर करता है। अगर आप चाहें तो इयरफोन की जगह जाउड स्‍पीकर पर भी बात कर सकते हैं।
शर्ट की पॉकेट में फोन न रखें
 मोबाइल फोन जहां तक हो सके शर्ट की लेफ्ट पॉकेट में न रखें यानी बांयी ओर क्‍योंकि आपका दिल भी उसी तरफ होता है।
रेटिंग देखकर फोन खरीदें
 अगर आप ध्‍यान से देखें तो हर मोबाइल की एसएआर रेटिंग दी गई होती है रेडिएशन से बचने के लिए आप ऐसे मोबाइल खरीदे जिसमें कम एसआर रेटिंग दी गई हो।
प्रेगनेंट महिलाएं सेलफोन का प्रयोग न करें 
प्रेगनेंट महिलाओं को सेलफोन के प्रयोग से बचना चाहिए क्‍योंकि ये होने वाले बच्‍चें पर बुरा असर डालता है।

लैंडलाइन फोन का प्रयोग करें 
अगर आप घर में हैं तो जहां तक हो लैंडलाइन फोन का प्रयोग करें क्‍योंकि लैंडलाइन फोन में रेडिऐशन का कोई खतरा नहीं होता।

Saturday, 17 August 2013 | 0 comments |

prick free blood tester from india हम में से कई लोग ब्‍लड टेस्‍ट कराने से काफी कतराते हैं, कुछ लोग तो सुई के नाम से इतना डर जाते हैं कि ब्‍लड टेस्‍ट तो दूर की बात है। लेकिन अब आपको ब्‍लड टेस्‍ट से डरने की कोई बात नहीं क्‍योंकि टचबी की मदद से आप बिना किसी दर्द और सुई के घर में ही अपना टेस्‍ट कर सकते हैं। इस डिवाइस को बनाने का श्रेय मायॅश्‍किन इंगावले, डॉ. अभिषेक सेन और योगेश पाटिल को जाता है। टचबी को बनाने का आईडिया मॉयश्‍किन को एक घटना के बाद आया, 2009 में वे अपने दोस्‍त अभिषेक से मिलने मुंम्‍बई के पैरोल में गए जहां पर डा.अभिषेक एक गर्भवती महिला का ऑपरेशन कर रहे थे लेकिन बाद में पता चला महिला के साथ उसका बच्‍चा भी मर चुका है। मॉयश्‍किन को जब पता चला उनकी मौत अनीमिया के कारण हुई है जिसके बारे में पहले पता नहीं चल पाया तो वे दंग रह गए क्‍योंकि एन‍ीमिया का इलाज संभव है। उसी समय उनके दिमाग में एक ऐसी डिवाइस बनाने का ख्‍यान आया जिससे आसानी से ब्‍लड टेस्‍ट किया जा सके। prick free blood tester from india इसके बाद मॉयश्‍किन ने दो ऐसे लोगों को खोजना शुरु किया जो इस डिवाइस की डिजाइन तैयार कर सकें। तब उन्‍हें डॉ सेन मिले तो आशा कार्यकत्रियों के साथ एक पब्‍लिक हेल्‍थकेयर चलाते हैं। उन्‍होंने ऐसा डिजाइन तैयार किया जिसे कैरी करने में भी आसानी हो और साथ में इसे आसानी से प्रयोग किया जा सके। टचहब में दिए गए फीचर टचहब में बैटरी इनबिल्‍ड है जिससे इसे कहीं भी आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। एनीमियां जैसी बीमारी से बचने के लिए टचहब से ब्‍लड में ह्यूमोग्‍लोबिन की मात्रा पता लगाई जा सकती है। टच हब रेडिऐशन लाइट पर काम करता है तो हमारी हाथ की उंगलियों की अलग अलग वेवलेंथ पर काम करता है।

Friday, 16 August 2013 | 0 comments |

क्‍या आप एंड्रायड टैबलेट लेने के बारे में सोंच रहे हैं लेकिन जरा संभलकर कहीं सस्‍ते चक्‍कर आपको टैबलेट महंगा न पड़ जाए। अक्‍सर लोग टैबलेट खरीदते समय ये गलती कर बैठते हैं 3 चार हजार कम कीमत में वे सस्‍ता टैबलेट तो ले लेते हैं लेकिन जब नेट सर्फिंग और टैबलेट में गेम ओपेन करने में दिक्‍कत होती है तो सिवाए अफसोस के वे कुछ नहीं कर सकते हैं। अलग-अलग ब्रांड की वजह से टैबलेट की कीमत में थोड़ा अंतर जरूर हो सकता है लेकिन लोकल ब्रांड के टैबलेट तो भूल कर भी न खरीदें। टैबलेट लेने से पहले उसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को अच्‍छी तरह से जांच लेना चाहिए क्‍योंकि टैबलेट में जितना अच्‍छा हार्डवेयर होगा उसकी परफार्मेंग भी उतनी अच्‍छी होगी। जैसे इस समय लेटेस्‍ट टैबलेट में सबसे लेटेस्‍ट ओएस जैली बीन है इसके अलावा टैबलेट के कई दूसरे फीचरों पर भी नजर डालनी चाहिए।

एंड्रायड टैबलेट लेने से पहले कौन कौन सी बातों का ध्‍यान रखें
रैम कैपेसिटी 
 टैबलेट की परफार्मेंस में रैम का काफी बड़ा हाथ है। आपके टैबलेट में रैम जितना ज्‍यादा होगी उसमें आप एक साथ उतने ज्‍यादा काम कर सकेंगे। टैबलेट में कई साइज की रैम आती है जैसे 128 एमबी रैम, 256 एमबी रैम, 512 एमबी रैम, 1 जीबी रैम, लेकिन आजकल देखा जाए तो 500 से 1 जीबी की रैम कम से कम टैबलेट में होनी चाहिए।

भार
 टैबलेट को अगर कैरी करने में दिक्‍कत हो तो फिर वो किस काम का क्‍योंकि टैबलेट एक ऐसी डिवाइस है जिसमें हम हमेशा हम कैरी करते है। साधारण तौर पर टैबलेट का वेट 300 ग्राम से लेकर 700 ग्राम के बीच होता है इसलिए टैबलेट खरीदने से पहले उसके वेट पर भी ध्‍यान दीजिए।

बैटरी लाइफ 
 टैबलेट खरीदने से पहले उसकी बैटरी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्‍त कर लें कि उसमें कितनी पॉवरफुल बैटरी दी गई है। अगर आप ज्‍यादा ट्रेवलिंग करते हैं तो 4,000 एमएएच की बैटरी चुनें ताकि आपकी डिवाइस ज्‍यादा देर तक चल सके। साधारण तौर पर टैबलेट में 2,500 एमएएच बैटरी इनबिल्‍ड होती।
कनेक्‍टीविटी
 डिवाइस में कनेक्‍टीविटी का ऑप्‍शन जरूर चेक कर लें। जैसे वाई-फाई, डॉगल सपोर्ट, सिम कनेक्‍टीविटी कहीं ऐसा न हो आपके टैबलेट में केवल वाईफाई ही हो और आप उसमें डॉगल सपोर्ट की उम्‍मीद कर रहे हों।

एप्लीकेशन 
कोई भी टैबलेट खरीदने से पहले इस बात की जांच कर लें कि जो भी डिवाइस आप खरीदने जा रहे हैं उसके कौन-कौन से एप्लीकेशन प्री लोडेड है और कौन सी एप्‍लीकेशन रन कर सकते है। वैसे आप ज्‍यादातर एप्‍लीकेशन गूगल प्‍ले और आईओएस स्‍टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

ब्रांड 
 ऑपरेटिंग सिस्टम और स्क्रीन साइज के बाद बारी आती है ब्रांड की, कौन सी कंपनी कम कीमत में अच्‍छा टैबलेट दे रही है इसके बारे में जान लेना बेहद जरूरी है। जैसे कुछ कंपनियां टैबलेट्स के साथ एक्सट्रा एसेसरीज जैसे स्क्रीन गार्ड, केसिंग और बैग फ्री में देती हैं जबकि कुछ कंपनियां केवल टैबलेट ही देती हैं।

स्क्रीन साइज 
 बाजार में 3 इंच से लेकर 10 इंच की स्क्रीन वाले टैबलेट और स्‍मार्टफोन उपलब्ध है और टैबलेट का स्क्रीन साइज 7 इंच है और स्‍मार्टफोन की 4 इंच इसलिए जब भी कोई स्‍मार्टफोन या फिर टैब खरीदें उससे पहले यह तय कर ले कि आपको कितने साइट के स्‍मार्टफोन और टैबलेट की जरूरत है अगर आपको इंटरनेट नेट सफिंग के साथ मूवी भी देखना चाहते हैं तो बड़ी स्‍क्रीन का स्‍मार्टफोन और टैबलेट सही रहेगा।

ऑपरेटिंग सिस्टम
 टैबलेट और स्‍मार्टफोन खरीदने से पहले इस बात को जांच लें कि उसमें कौन सा ऑपरेटिंग सिस्‍टम दिया गया है। वैसे इस समय गूगल का एंड्रायड जैली बीन सबसे लेटेस्‍ट ओएस है। मार्केट में इसके अलावा आईओएस, ब्‍लैकबेरी और विंडो ओएस टैबलेट और स्‍मार्टफोन उपलब्‍ध हैं।




Thursday, 15 August 2013 | 0 comments |


फेसबुक हमारी लाइफ में सिर्फ एक सोशल नेटवर्किंग साइट नहीं रह गई है बल्‍कि कई लोग तो फेसबुक के बिना एक पल नहीं र‍ह सकते। लेकिन फेसबुक को लेकर कई बार इंटरनेट पर सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं लेकिन इसमें काफी गलती उन यूजरों की भी होती है जो बिना सोंचे समझे अपनी पर्सनल जानकारी फेसबुक में डाल देते हें। जबकि फेसबुक के साथ कभी भी हमें अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी दूसरी सोशल नेटवर्किंग साइट में नहीं डालनी चाहिए। इसके अलावा कई जरूरी बातें हैं जो हमें फेसबुक पर कभी भी अपडेट नहीं करनी चाहिए जैसे 
अपनी निजी जानकारी शेयर न करें 
फेसबुक एक ऐसा प्‍लेटफार्म है जहां पर हम सभी एक दूसरे से अपनी खुशी और गम शेयर करते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप अपनी निजी जानकारी भी फेसबुक में शेयर करने लगें क्‍योंकि यहां पर आपकी निजी जानकारी निजी नहीं रह जाती बल्‍कि वो कई लोगों के सामने आ चुकी होती है। भले ही आप अपनी निजी जानकारी किसी भरोसे वाले इंसान को शेयर कर रहे हों लेकिन उसकी प्रोफाइल से कैसे लोग जुड़े हुए है इसके बारे में आप पता नहीं कर सकते। इसलिए अपनी निजी जानकारी फेसबुक में कभी भी शेयर न करें।
अपने प्‍लान के बारे में कोई शेयर न करें 
हम रोज कोई न कोई प्‍लान बनाते हैं और उसे अपने दोस्‍तों के साथ शेयर भी करते हैं लेकिन कुछ प्‍लान ऐसे होते हैं जिन्‍हें बारे में सिर्फ हम या फिर कुछ खास लोग हीजानते हैं , लेकिन अगर आप इसे फेसबुक में शेयर करते है तो हो सकता है आपका सारा प्‍लान चौपट हो जाए। इसके अलावा इससे आपकी सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है। उदाहरण के लिए अगर आप अपने फेसबुक में ये स्‍ट्टेस अपडेट करते हैं कि मैं बैंक में हूं तो इससे आपकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। कंपनी से जुड़ी जानकारी आप चाहें खुद की कंपनी चला रहे हों या फिर किसी दूसरी कंपनी में काम करते हों, 
कंपनी से जुड़ी कोई भी जानकारी 
फेसबुक में अपलोड न करें। इसीलिए कंपनियां कर्मचारियों के फेसबुक स्‍टे्टस में नजर रखतीं हैं कि कही वे कंपनी के खिलाफ सोशल नेटवर्किंग साइटों में कोई गलत टिप्‍पणी तो नहीं कर रहीं हैं। किसे दोस्‍त बनाए ये न बताएं दोस्‍तों को सजेस्‍ट करने की बात आपमें से काफी लोगों को अजीब लग सकती है। आखिरी दोस्‍तों को सजेस्‍ट करना कहां की अकलमंदी हैं दोस्‍त अगर सजेशन से बनाए जाएं जो दोस्‍त कैसे। इसलिए कभी भी किसी दोस्‍त को किसी दूसरे दोस्‍त के लिए फेसबुक में सजस्‍ट न करें। 
 जबरजस्‍ती एप्‍लीकेशन न भेजें  
फेसबुक ने एप्‍लीकेशन का नया फीचर देकर भले ही अच्‍छा काम किया हो लेकिन काफी लोगों को इससे दिक्‍कत का सामना करना पड़ता है। फेसबुक में कई एप्‍लीकेशन दी गईं हैं लेकिन जबरजस्‍ती किसी ऐसे व्‍यक्ति को वो एप्‍लीकेशन इंस्‍टॉल करने की सलाह आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। मै ये इसलिए कह रहा हूं क्‍योंकि मेरे फेसबुक पर्सनल प्रोफाइल में रोज ढेरों एप्‍लीकेशनों की रिक्‍वेस्‍ट आती रहती है जिसकी वजह से अब रिक्‍वेस्‍ट ऑप्‍शन मुझे ब्‍लॉक करना पड़ा है। ऐसा दूसरों के साथ न हो इसलिए किसी भी एप्‍लीकेशन को फेसबुक में सजेस्‍ट न करें।
 मेरा पेज लाइक करों  
कुछ लोगों को हर पेज और पोस्‍ट लाइक करने की आदत होती है, आप कोई भी वेबसाइट ओपेन करें उसमें फेसबुक लाइक और दूसरी सोशल नेटवर्क साइटों के ऑप्‍शन हमेशा सामने ही रहते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि झट से आप बिना सोंचे समझे उसे लाइक मार दें। केवल उसी पोस्‍ट और साइट को लाइक करें जिसे आप पसंद करें न कि हर चीज लाइक मारे।



 
 
Wednesday, 14 August 2013 | 0 comments |

जैसे हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग हार्ट होता है वैसे ही किसी भी कंप्‍यूटर के लिए सबसे जरूरी होता है उसका सीपीयू जिसके बिना पीसी की कल्‍पना भी नहीं की जा सकती। आजकल ऑलइनवन पीसी का जमाना है जिसमें सीडी ड्राइव, हाड्रडिस्‍क के साथ सभी चीजें एक ही जगह लगी होती लेकिन इनकी कीमत साधारण पीसी से अधिक होती है। 

मानलीजिए अगर आप 35 हजार में कोई ऑलइन वन पीसी खरीदते हैं तो इतनी ही कीमत में अगर आप कोई पीसी एसेंबल कराएंगे तो वो ऑनलाइन वन पीसी के हार्डवेयर के मुकाबले ज्‍यादा बेहतर काम करेगा। इसके अलावा ऑलइन वन पीसी को आप भविष्‍स में अपग्रेड नहीं कर सकते लेकिन एसेंबल पीसी को आप अपग्रेड कर सकते हैं जैसे रैम बढाना, हार्डडिस्‍क बदलना। 
 लेकिन एसेंबल सीपीयू में साफ सफाई का खास ध्‍यान रखना चाहिए क्‍योंकि इससे पीसी की परफार्मेंस में असर पड़ सकता है। सीपीयू में कुछ समय बाद धूल के छोटे-छोटे कण जमनें लगते हैं जो कंप्‍यूटर हार्डवेयर के ऊपर एक परत बना लते हैं इससे पीसी जल्‍दी गर्म हो जाता है और कई दूसरी दिक्‍कते पैदा करने लगता है। इसलिए अगर आप भी घर में साधारण पीसी का प्रयोग कर रहें हैं तो उसके सीपीयू को ओपेन करके एक बार साफ कर लीजिए ताकी भविष्‍य में उसमें कोई दूसरी दिक्‍कत न आए। सीपीयू को साफ करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना होगा जैसे।  
सॉफ्ट ब्रश सीपीयू साफ करने के लिए सबसे पहले एक साफ्ट ब्रश और एक साफ कपड़ा रख लें।

केमिकल का प्रयोग न करें 
कभी-कभी किसी केमिकल या फिर दूसरे लिक्‍विड का प्रयोग न करें।
चाकू या दूसरे औजार न प्रयोग करें 
सीपीयू को ओपेन करने के लिए चाकू या फिर किसी दूसरे औजारों का प्रयोग न करें, बल्‍कि उसके लिए आप उसी साइज का स्‍क्रियू ड्राइवर प्रयोग करें।
संभल कर सफाइ करें
 सीपीयू के अंदर मदल बोर्ड और कई दूसरे सेंसिटिव चिप लगे होते हैं इसलिए इनमें कभी भी तेजी से ब्रश वगैरह न चलाएं इससे चिप में लगे वायरों को नुकसान पहुंच सकता है।
ज्‍यादा चीजें न खोलें 
पीसी को ओपेन करने के बाद उसमें लगे फैन या फिर मदरबोर्ड को खोलने की कोशिश न करें क्‍योंकि अगर आप इन सभी चीजों के बारे में अच्‍छी तरह नहीं जानते तो उन्‍हें दोबार बंद करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।





Monday, 12 August 2013 | 0 comments |

how backup your gmail account पिछले हफ्ते करीब 150,000 इंटरनेट यूजरों को दिक्‍कत का सामना करना पड़ा जब उनके चैट बॉक्‍स, इंनबॉक्‍स और कांटेक्‍ट सभी एकदम गायब हो गए ऐसा इसलिए हुआ क्‍योंकि गूगल ने अपने स्‍टोरेज को अपडेट किया था। लेकिन अगर इन सभी जीमेल यूजरों ने अपनी मेलों का बैकप रखा होता था शायद उन्‍हें पिछली मेल खोने का कोई गम न होता। जीमेल का बैकप कई दूसरे कारणों से भी रखना जरूरी है क्‍योंकि वैसे आप अपनी मेल बिना इंटरनेट के नहीं ओपेन कर सकते लेकिन बैकप रखने के बाद आप कभी-कभी बिना इंटरनेट के अपनी मेल पढ़ सकते हैं। जीमेल का बैकप रखने के लिए कई आप कई तरीके अपना सकते हैं। इंटरनेट पर कई क्‍लाउड बेस सर्विस हैं जिन्‍हें आप अपनी जी मेल स्‍टोर कर सकते हैं। या फिर आप अपने पीसी, लैपटॉप में थर्ड पार्टी कोई सॉफ्टवेयर इंस्‍टॉल करके बैकअप सेव सकते हैं। how backup your gmail account स्‍टैंडअलोन बैकप प्रोग्राम का इस्‍तेमाल करें इसके लिए सबसे पहले अपने पीसी में स्‍टैंडअलोन बैकप प्रोग्राम को साइट में जाकर इंस्‍टॉल कर लें। प्रोग्राम इंस्‍टॉल करने के बाद बस आपको पासवर्ड डालना होगा और आपकी सारी मेल और कांटेक्‍ट अपने आप प्रोग्राम में सेव हो जाएंगे। ये प्रोग्राम विंडो के लिए पूरी तरह से फ्री हैं। इसके अलावा अगर आप अपने बैकप को ज्‍यादा सिक्‍योर रखना चाहते हैं तो ईमेल कीपर में भी जीमेल बैकप सेव कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको 20 डॉलर पे करने पड़ेंगे।

Saturday, 10 August 2013 | 0 comments |
लैपटॉप और पीसी में पोर्न कंटेंट ब्‍लॉक करने के कई तरीके है, जैसे अगर आप गूगल सेफ सर्च में फिल्‍टर ऑप्‍शन लगा सकते हैं या फिर बिंग में सेफ सर्च ऑप्‍शन सेट कर सकते हैं। माइक्रोसॉफ्ट एकाउंट में जाकर फैमली सेफ्टी वेबसाइट ऑप्‍शन सलेक्‍ट कर सकते हैं।
 आईए जानते हैं कैसे ब्‍लॉक करें पोर्न वेबसाइट्स। गूगल सेफ सर्च गूगल सेफ सर्च के लिए सबसे पहले गूगल डॉट कॉम सर्च सेटिंग (Google.com Search Settings) में जाकर सेफ सर्च फिल्‍टर पेज ओपेन करें। डिफॉल्‍ट सेफ सर्च ऑप्‍शन मॉडरेट पर सलेक्‍ट रहता है इसे आप आगे करके स्‍ट्रिक्‍टली पर सलेक्‍ट कर दें। अब आपके पीसी में कोई भी एडल्‍ट या फिर पोर्न कंटेंट ओपेन नही होगा।
बिंग में एडल्‍ट कंटेंट ब्‍लॉक करने के लिए सबसे पहले Bing.com पेज पर जाए ऑन लॉगइन करके सेफ सर्च फिल्‍टर ऑप्‍शन पेज ओपेन करें। इसके बाद फिल्‍टर में दी गई रेडियो बटन को स्‍ट्रिक फिल्‍टर पर सेलक्‍ट कर दें। अब गूगल की तरह बिग सर्च में भी एडल्‍ट कंटेंट नहीं ओपेन होगा। लेकिन पेज बंद करने से पहले अपने पीसी की सेटिंग सेव करना न भूलें। माइक्रोसॉफ्ट फैमली सेफ्टी माइक्रोसॉफ्ट फैमली सेफ्टी फिल्‍टर का प्रयोग आप किसी भी पीसी या फिर लैपटॉप में कर सकते हैं। ये आपके कंप्‍यूटर को एडल्‍ट कंटेक्‍ट से बचाता है। इसके लिए अपने पीसी में फैमली सेफ्टी फिल्‍टर डाउनलोड करें। सॉफ्टवेयर इंस्‍टॉल होने के बाद विंडों के कुछ वर्जनों में माइक्रोसॉफ्ट फैमली फिल्‍टर पहले से इंस्‍टॉल रहता है। अगर आपके पीसी में ये पहले से इंस्‍टॉल है तो आप विंडो लाइव आईडी से लॉग इन करें जैसे जीमेल में लॉग इन करते हैं। अगर आपका एकांउट विंडो लाइव में नहीं है तो पहले एक एकाउंट क्रिएट करें। अब आप अपनी फैमली मेंमबर या फिर किसी और को मॉनीटर करना चाहते हैं कि वे आपके पीसी में कौन कौन सी चीजें ओपेन करते हैं उन सभी की लॉगइन आईडी विंडो एकाउंट में ऐड कर दें और नेक्‍ट ऑप्‍शन के बाद सेव कर दें। इसके लिए आपको उन सभी लोगों की विंडो लाइव आईडी पता होनी चाहिए जिन पर आप नजर रखना चाहते हैं।



Thursday, 8 August 2013 | 0 comments |

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