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रजिस्ट्री विंडोज में एक डेटाबेस है, जिसमें सिस्टम हार्डवेयर, इन्स्टॉल्ड प्रोग्राम्स और सेटिंग, और हर एक यूजर की प्रोफाइल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होती है| विंडोज लगातार रजिस्ट्री में जानकारी को दर्शाता है|

किसके लिए विंडोज रजिस्ट्री का प्रयोग किया जाता है?
विंडोज रजिस्ट्री को विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी सेटींग स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है| इसमें सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम्स की सेटींग, ऑपरेटिंग सिस्टम कन्फिग्यरेशन, हार्डवेयर कन्फिग्यरेशन, यूजर की प्राथमिकता, कंट्रोल पॅनल सेटींग और कई अन्य शामिल है|

रजिस्ट्री कैसे बनाती है?
आम तौर पर प्रोग्राम्स और ऐप्लीकेशन अपने आप आवश्यक परिवर्तन करते है| उदाहरण के लिए, जब कोई प्रोग्राम विंडोज मे इन्स्टॉल होता है, तो विंडोज रजिस्ट्री में एक सब key ऐड हो जाती है जिसमें इस प्रोग्राम का लोकेशन, वर्जन, इस प्रोग्राम को कैसे शुरु करे, और कुछ और सेटींग जो एनेबल और डिसेबल हो सकते है| अगर आप विंडोज में कुछ परिवर्तन करते है, तो विंडोज रजिस्ट्री में अपने आप परिवर्तन होता है|

रजिस्ट्री तक कैसे पहुँचे :
आप रजिस्ट्री एडिटर प्रोग्राम के उपयोग सें रजिस्ट्री को कॉन्फ़िगर कर सकते हैं -
  • स्टार्ट मेनू ओपन करें|
  • Run सिलेक्ट करें|यहाँ regedit टाइप करें और एंटर करें|
  • अब आपको रजिस्ट्री एडिटर की विंडोज दिखाई देगी|

विंडोज रजिस्ट्री की संरचना :
रजिस्ट्री के डेटाबेस में, डेटा एक पेड़ के फॉर्मेट में संरचित होता है| इस पेड़ के प्रत्येक नोड को एक key कहा जाता है| प्रत्येक key में सब key और डेटा एंट्रीज जिन्हे वैल्यूज़ कहां जाता है, होते है| किसी भी key में कोई भी कीमत और यह कीमत कौनसे भी रुप में हो सकती है|
एक रजिस्ट्री पेड़ 512 के स्तर तक गहरा हो सकता है| आप एक ही रजिस्ट्री API कॉल के माध्यम से एक समय में 32 स्तर तक बना सकते हैं|

रजिस्ट्री में 5 रुट key होते है, जिनमें से प्रत्येक में विशिष्ट रजिस्ट्री की जानकारी शामिल होती है -

HKEY_CLASSES_ROOT --  इस key में फ़ाइल नेम एक्सटेंशन असोसीएशन और ProgIDs, CLSIDs, और IIDs जैसी COM क्लास रजिस्ट्रेशन की जानकारी होती है| सरल शब्दों में इस इस key में कार्य करने के लिए सुचना या ऐप्लीकेशन शुरु करने के लिए आवश्यक जानकारी होती है|

HKEY_CURRENT_USER -  यह key वर्तमान यूजर की सेटिंग को स्थापित करना आसान बनाता है| इसमे वर्तमान लॉग इन यूजर की विंडोज के लिए कन्फ़िगरेशन इन्फर्मेशन, सॉफ्टवेयर विशिष्ट की जानकारी होती है| इसमें environment variables, data about program groups, , display settings, desktop wallpaper, printers, network connections, और application preferences, keyboard layout आदी जानकारी होती है|

HKEY_LOCAL_MACHINE –  इस key में कम्प्यूटर की विशिष्ट जानकारी होती है, जिसमें इस्टॉल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर शामिल है| इसमें सब key होती है, जीसमें करंट डेटा कन्फिग्यरेशन, प्लग और प्ले की जानकारी (जिसमें सभी हार्डवेयर की सूची जो कभी ना कभी कम्प्यूटर को जोडे हूए थे), नेटवर्क लॉनऑन प्रेफरन्स, नेटवर्क सुरक्षा जानकारी, सॉफ्टवेयर से संबंधित जानकारी और कुछ अन्य सिस्टम की जानकारी होती है|

HKEY_USERS-            इस key में कम्प्यूटर कें सभी वर्तमान के अॅक्टीव यूजर के विशिष्ट कन्फिग्यरेशन इन्फर्मेशन होती है| यहाँ यूजर प्रोफाइल के रुप में प्रोग्राम्स के सेटींग, यूजर व्दारा चुने हुए थीम, कलर, डेस्कटॉप और कंट्रोल पॅनल की सेटींग स्टोर होती है|

HKEY_CURRENT_CONFIG – इस key में स्थानीय कंप्यूटर प्रणाली के मौजूदा हार्डवेयर की प्रोफाइल के बारे में जानकारी है|


रजिस्ट्री का बैकअप
रजिस्ट्री में कुछ भी बदलाव करने से पहले, आपको हमेशा उसकी बैकअप कॉपी बनानी चाहिए|
चरणों का पालन करें -
  • विंडोज 7/ Vista: Run को क्लिक करें और यहाँ Regedit टाइप करें और Enter दबाएं|
  • विंडोज 8: स्टार्ट स्क्रीन में regedit टाइप करें और फिर Regedit|exe पर क्लिक करें|
  • File मेनू में सें Export सिलेक्ट करें|
  • यह फाइल सेव करने के लिए लोकेशन सिलेक्ट करें|
  • रजिस्ट्री बैकअप फ़ाइल के लिए कोई नाम दें|
  • Save को क्लिक करें|
अब आपके पीसी की पूरी रजिस्ट्री का बैकअप हो जाएगा|

बैकअप से रजिस्ट्री को रिस्टोर करे
अगर आपने रजिस्ट्री का बैकअप लिया है और अब उसे फिर से रिस्टोर करना है तो -
  • पहले आपने जहाँ इस रजिस्ट्री की फाइल को सेव किया है वहाँ पर जाए|
  • इस फाइल पर डबल क्लिक करें|
  • जब आपको you are sure you want to add the information to the registry पुछा जाए तो Yes को क्लिक करें|
अब आपकी रजिस्ट्री तुरंत रजिस्ट्री बैकअप फ़ाइल में परिभाषित पिछली सेटिंग पर लौट जाएगी|

रजिस्ट्री की क्लीनिंग
जब कम्प्यूटर का ऑपरेशन स्पिड कम होगा, स्टार्टअप के लिए लंबा समय लगेला या लगातार पीसी  फ्रीज हो रहा होगा तो यह समझ जाएं की रजिस्ट्री क्लीनिंग करने की जरुरत है|
हमनें पहले देखा की रजिस्ट्री में हजारों एट्रीज हो सकती है, और नई एट्रीज हर समय बन रही है| जब यह जादा इन्फर्मेशन से भर जाती है, तो यह आपके पीसी के प्रदर्शन पर असर करता है| विंडोज के साथ समस्या यह है की, इसमें जब आप कोई प्राग्राम अनइन्स्टॉल करते है तो इस प्रोग्राम से संबंधीत एन्ट्रीज कभी भी निकाली नही जाती| इस कारण से रजिस्ट्री को क्लिन करने की जरुरत पडती है| लेकिन प्रभावी ढंग से यह सफाई मैन्युअली करना आसान नहीं है| इस काम को करने के लिए CCCleaner जैसे कई प्रोग्राम है, जो आसानी से रजिस्ट्री को क्लिन करते है|

Sunday 27 March 2016 | 0 comments |

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