अब जबकि लगभग हर ऑफिस और घर में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा हैं, लेकिन
अभी भी कई युजर कंप्यूटर के बहुत सारे रहस्य को नही जानतें| निश्चित ही वे
कंप्यूटर को कैसे ऑपरेट करना हैं और इससे संबंधित हालात से कैसे निपटना
हैं यह अच्छी तरह जानते हैं, लेकिन समय के साथ कुछ मिथकों को बनाया गया हैं
और वे एक युजर से दुसरे युजर तक पारित हो रहे हैं| इनमें से कई मिथक तो
इतने बड़े पैमाने पर है की अब वे सामान्य ज्ञान की तरह लगते हैं और आप
निश्चित रूप से उनके बारे में कभी नही सोचते| कई मिथका तो सरासर गलतफहमी
हैं, तो कुछ पैसे बनाने के लिए जानबुझकर फैलाए गए हैं|
पीसी के बारें में
इतने सारे मिथकों, गलतफहमी, और झूठ को इस तरह फैलाया गया हैं की अक्सर किसी
के लिए भी इनके पिछे की सच्चाई का पता लगा पाना मुश्किल हैं|
यहाँ कुछ आम लोगों को भ्रमित करने वाले पीसी के मिथक हैं और उनके के साथ जुड़े सत्य हैं|
मिथक 1: यदि आपनें अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस इंस्टॉल किया हैं तो आप का पीसी इंफेक्ट नहीं होगा|
अधिकांश
युजर सोचते हैं की अच्छा एंटीवायर उनके पीसी के फुल-प्रूफ हैं और वे पीसी
पर एंटीवायरस इंस्टॉल करके पूरी तरह से सुरक्षित हैं| दुर्भाग्य से, यह
हमेशा सच नहीं है। कुछ एंटीवायरस अपने पीसी को ही संक्रमित कर सकते है। अगर
आपने एंटीवारस को अपडेट नहीं किया हैं, तो यह हमेशा कुछ नया किसी माध्यम
सें पीसी में घूसने का मौका हो सकता हैं| इसके साथ ही कई एंटीवायरस आपके
ज्ञान के बिना एंटीवायरस को डिसेबल भी कर सकते हैं| इसलिए हमेशा सुनिश्चित
करें की आपके पीसी का एंटीवायरस नियमित रूप सें अपडेट हो और स्कैन करने के
लिए शेड्यूल हो|
मिथक 2: अगर आपका पीसी ऑटोमेटिक पॉपअप एरर मैसेज देना शुरू करें तो इसका मतलब वायरस हैं|
कई
युजर का यह एक आम विचार होता हैं कि जब पीसी एरर मैसेज देता हैं तो यह
निश्चित ही वायरस हैं| लेकिन अगर पीसी लगातार एरर मैसेज दे रहा हैं, तो यह
हमशा जरूरी नहीं की पीसी में कोई वायरस है, क्योकि एरर मैसेज के कई कारण हो
सकते हैं| कई बार कोई प्रोग्राम करप्ट हो जाता हैं, किसी प्रोग्राम को रन
करते समय या किसी फाइल को ओपन करते समय पीसी क्रैश हो सकता हैं या
एंटीवायरस कान्फ्लिक्ट हो सकता हैं और आपका पीसी एरर मैसेज दिखाता हैं|
लेकिन ऐसा होने पर, इसे हल्के ढंग से न ले ओर इसके सही कारण का पता लगाएं|
मिथक 3: स्लो अनस्टेबल पीसी को स्पीडअप करने के लिए विंडोज को री-इंस्टॉल करना एक मात्र रास्ता हैं|
निश्चित
रूप से विंडोज को री-इंस्टॉल करने सें पीसी के परफॉर्मेंस में सुधार होगा|
लेकिन जब पीसी स्लो हो जाता है, तो विंडोज को फॉर्मेट करना और विंडोज को
रीइंस्टॉल करना एकमात्र रास्ता नही हैं और यह आवश्यक भी नही हैं, क्योकि यह
लंबी और समय लेने वाली प्रोसेस हैं| इसके लिए पीसी को नियमित रूप सें
क्लिनअप करते रहे, अनावश्यक प्रोग्राम को अनइंस्टॉल करें, जंक फाइलों को
क्लिन करना ही पीसी का परफॉरमेंस सुधारने का सबसे अच्छा तरीका हैं| इन सभी
मेंटेनंस के स्टेप्स को करने के लिए CCleaner का प्रयोग करें।
(अधिक जानकारी के लिए पिछली पोस्ट “क्वीक फिक्स टिप्स जो आपके कंप्यूटर की गति को बढ़ा सकते है” देखें)
मिथक 4: जब आपका कंप्यूटर अपडेट की सूचना देता है, तो आपको उन सभी को इंन्स्टॉल करना चाहिए|
आपके
पीसी पर इंस्टॉल ओएस और सॉफ्टवेयर नियमित रूप से अपडेटस् प्रावाइड करते
है, लेकिन सभी उपडेटस आवश्यक नही होते या फिर यह सही भी नहीं है| कई
सॉफ्टवेयर अपडेट आप पर लागू हो सकते है या नहीं भी हो सकते है, इसलिए इन
अपडेट वर्जन में क्या शामिल है वह पढ़े और फिर तय करें की वह आपके के लिए
उपयुक्त है या नही| लेकिन सिक्युरिटी उपडेट आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं।
मिथक 5: हार्ड ड्राइव से डिलीट किया हुआ कुछ भी हमेशा के लिए चला जाता है|
जब
आप कोई भी फाइल डिलीट करते है, तब वह आपरेटिंग सिस्टम के ट्रैश या रिसाइकल
बिन में चला जाता है| इस ट्रैश या रिसाइकल बिन को एंप्टी करने के बाद,
ऑपरेटिंग सिस्टम इस फाइल को डिलीडेट के रूप मे मार्क करता है और डिरेक्टरी
एंट्री में इस ब्लॉक कि लिस्ट “फ्री” दिखाता है और वह फाइल हार्ड ड्राइव से
गायब हो जाती है| लेकिन वह फाइल असल मे तब तक अछुती रहती है जब तक कोई
अन्य फाइल उसपर ओवरराइट नही हो जाती| और यही कारण है कि फाइल रिवकरी
सॉफ्टवेयर अक्सर इन डिलीटेड फाइल्स को रिकवर कर पाते है|
मिथक 6: एप्पल या मैक कंप्यूटरों में वायरस नहीं आ सकता।
कई
युजर को यही लगता है कि एप्पल या मैक कंप्यूटरों में वायरस का अटैक नही कर
सकता और वे वायरस से पूरी तरह से सुरक्षित होते है| हालांकि एप्पल ओएस
विंडोज के वर्जन की तुलना में अधिक सुरक्षित है, लेकिन उसपर वारसर अटैक
नहीं हो सकता यह गलत धारणा न रखें| चूंकि मैक की खपत अभी बढ़ रही है, तो
वायरस इंफेक्शन अब और अधिक और आम होते जा रहे हैं| मैक युजर अब भी ट्रोजन
हॉर्स, फ़िशिंग, स्कैम और अन्य ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हो सकते हैं। अगर आप
एप्पल कंप्यूटर युजर है तो अपने सिस्टम को सेफ रखने के उपाय पर विचार करें|
मिथक 7: "ए" ब्राउज़र "बी" की तुलना में अधिक सुरक्षित है|
क्या
आप को लगता है कि एक ब्राउज़र अन्य की तुलना में सुरक्षित है? इसका
वास्तविक जवाब है, नहीं! हर एक ब्राउज़र के अपने एडवांटेज और फिचर्स है,
लेकिन सभी ब्राउज़रों को अतीत में सिक्युरिटी प्रॉब्लम्स का सामना करना
पड़ा है। वास्तव में, सबसे सिक्युर किसी एक ब्राउज़र को चुनना संभव नही है,
क्योकी सभी में कुछ विक और स्ट्रांग पाइंट है| इस बात पर ध्यान देना
महत्वपूर्ण है कि ब्राउज़र आधारित अटैक में सबसे जादा अटैक खुद ब्राउज़र के
बजाय, एड-आन के माध्यम से हो रहे है| आप ब्राउज़र को रेगुलर अपडेट और
अच्छे एंटी वायरस और एंटी-स्पाईवेयर का उपयोग करके अपने ब्राउज़र अधिक
सुरक्षित बना सकते हैं।
मिथक 8: अधिक कोर का प्रोसेसर मतलब है कि वह फास्ट है।
हो
सकता है कि अधिक कोर प्रोसेसर कम कोर की तुलना में आपको बेहतर लग सकता है|
लेकिन यह सच नहीं है! कई ऐसे फैक्टर है जो इन कोर कि एफिशिएंसी को तय करते
है और इसके साथ सीपीयू का स्पीड भी बहुत महत्वपूर्ण है| अधिक कोर कि
संख्या फायदेमंद हो सकती है, लेकिन तभी जब प्रोग्राम इन्हे सपोर्ट करते
हों| अगर आपके साथ सिंगल-थ्रेडड एप्लीकेशन है, तो ऑक्टा-कोर की तुलना में
क्वाड-कोर प्रोसेसर बेहतर है| आम तोर पर हाइ-एंड प्रोसेसर होना अच्छी बात
है, लेकिन यह एक बहुत ही कॉम्पलिकेटेड मैटर हैं|
मिथक 9: जब पीसी नया होता है तब वह अधिक फास्ट होता है|
पीसी
युजर्स में सबसे आम और भ्रामक इशूज़ में से एक यह है कि उनका कंप्यूटर समय
के साथ धीरे-धीरे स्लो क्यों हो रहा हैं| सभी नए पीसी उनके स्टैंडर्ड
सेटिंग्स के साथ आते है और उनमें सीमित सॉफ्टवेयर इंस्टॉल होते है| लेकिन
समय के साथ पीसी स्लो होने के कई कारण है जैसे बैकग्राउंड में चल रहे
प्रोग्राम, टेम्पररी फाइल्स, बैड, करप्टेड या फ्रैग्मन्टेड हार्ड ड्राइव
आदि|आप पीसी के स्लो स्पीड का सही कारण खोजे ओर फिर उसके समाधान पर काम
करें|
मिथक 10: पीसी की स्पीड को बढ़ाने के लिए अपने कार्ड ड्राइव को defragment करने की आवश्यकता है|
अगर
आप विंडोज XP पर काम कर रहे हो, तो यह अभी भी सच है। लेकिन अब हम XP पर
काम नहीं कर रहे हैं। विंडोज विस्टा, 7, और 8 ऑटोमेटिक हार्ड ड्राइव को
defrag करते है, और इसलिए इन ओएस मे मैन्युअली defrag करने की कोई
आवश्यक्ता नहीं हैं। इसके अलावा सॉलिड स्टेट ड्राइव में defragging जैसी
कोई बात नहीं होती|
मिथक 11: पीसी की अधिक स्पीड के लिए रीसायकल बिन खाली करना चाहिए|
मूल
रूप से रीसायकल बिन डिलीटेड फ़ाइलों और फ़ोल्डरों का टेंपरेरी स्टोरेज है|
यकिनन रिसायकल बिन को खानी करने से डिस्क स्पेस फ्री हो जाती है, लेकिन
सिर्फ इससे पीसी का स्पीड नहीं बढ़ेगा|
अंतिम शब्द:
अब आपको पता चल गया
होगा कौनसे कंप्यूटर तथ्य असल में मिथक हैं| आप इनका प्रचार तुरंत बंद कर
दें, क्योकि गलत सूचना से किसी का अच्छा नही होता और कुछ मामलों में लोगों
को वे जरूरत से ज्यादा खर्च करने का कारण बन सकते हैं| यह वैसे ही है जैसे
सिर्फ सुरक्षा कि चिंतासे कोई महंगे मैकबुक प्रो खरीदे| आपको और कौनसे
कंप्यूटर के मिथकों के बारे पता है जिन्हे तुरंत बंद करना चाहिए? मुझे
कमेंट्स में बताएं।
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