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फोटा से अनावश्यक ऑब्जेक्ट्स और बॅकग्राउंड को कैसे हटाएं
क्या आप कभी ऐसे स्थिति में आए है, जब आप का या आपके दोस्त और परिवार के साथ का अच्छा फोटो बॅकग्राउंड में खड़े किसी और के द्वारा खराब दिख रहा हो?
अगर आपको इन अनचाहे ऑब्जेक्ट्स या बॅकग्राउंड को फोटो में से हटाना है तो आपको फोटोशॉप का पेशेवर ज्ञान की जरूरत है| फोटोशॉप में आप क्लोन स्टाम्प टूल और हीलिंग ब्रश टूल सें अनचाहे ऑब्जेक्ट्स को हटा सकते है| लेकिन इन टूल का उपयोग करने के लिए आप को फोटोशॉप के बारे में जानकारी चाहिए| लेकिन अगर आप के पास फोटोशॉप ही नही है या उस के बारे में ज्ञान नहीं है, तो यहाँ कुछ टूल्स है, जो तस्वीरों से अनावश्यक ऑब्जेक्ट्स को दूर करने के लिए मदद करते है|

Inpaint:
Inpaint यह एक बहुत आसान फोटो एडिटर है, जो आपके डिजीटल फोटो सें अनावश्यक ऑब्जेक्ट्स को निकालना किसी भी विशेषज्ञ ज्ञान के बिना आसान कर देता है| आप इस सॉफ्टवेयर का उपयोग फोटो से अनावश्यक लोगों या ऑब्जेक्ट्स को निकालने, वाटरमार्क, दिनांक/समय का स्टैम्प, स्क्रैच को निकालने के लिए कर सकते है| इसके साथ आप इसमें पुराने फोटो को अच्छा बनाने के लिए या लोगों के चहरें में सुधार करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते है|

How to remove Image Backgrounds
इमेज का बॅकग्राउंड निकालना या बदलना एक आम कार्य है, जीसे करने में हमें बोअर होता है क्योकी यह जटिल और समय लेने वाला काम है| यह काम करने के लिए आपको लासो टूल, पॉलीगॉन लासो टूल ओर मॅजिक वांड टूल जैसे कई टूल का इस्तेमाल करना होता है| तो यहाँ इसका एक समाधान है -

ClippingMagic:
जिनको फोटोशॉप का ज्ञान कम है वे ClippingMagic के बारे मे जरुरी विचार कर सकते है| यह एक वेबसाइट है और आप डाउनलोड किये बिना ऑनलाइन काम कर सकते हैं।
  • इसमें इमेज से बॅकग्राउंड हटाने के लिए सिर्फ इस साइट पर इमेज को ड्रैग और ड्रॉप करें|
  • बाद में इमेज के अग्रभाग को हरा निशान और बॅकग्राउंड को लाल निशान लगांए| आप इस इमेज के साथ बदलाव का लाइव प्रिवू दाईं ओर देख सकते है|
  • पुरा हो जाने के बाद आप इस पारदर्शी बॅकग्राउंड वाली इमेज को डाउनलोड कर सकते है|
Sunday, 27 March 2016 | 0 comments |
रजिस्ट्री विंडोज में एक डेटाबेस है, जिसमें सिस्टम हार्डवेयर, इन्स्टॉल्ड प्रोग्राम्स और सेटिंग, और हर एक यूजर की प्रोफाइल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होती है| विंडोज लगातार रजिस्ट्री में जानकारी को दर्शाता है|

किसके लिए विंडोज रजिस्ट्री का प्रयोग किया जाता है?
विंडोज रजिस्ट्री को विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी सेटींग स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है| इसमें सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम्स की सेटींग, ऑपरेटिंग सिस्टम कन्फिग्यरेशन, हार्डवेयर कन्फिग्यरेशन, यूजर की प्राथमिकता, कंट्रोल पॅनल सेटींग और कई अन्य शामिल है|

रजिस्ट्री कैसे बनाती है?
आम तौर पर प्रोग्राम्स और ऐप्लीकेशन अपने आप आवश्यक परिवर्तन करते है| उदाहरण के लिए, जब कोई प्रोग्राम विंडोज मे इन्स्टॉल होता है, तो विंडोज रजिस्ट्री में एक सब key ऐड हो जाती है जिसमें इस प्रोग्राम का लोकेशन, वर्जन, इस प्रोग्राम को कैसे शुरु करे, और कुछ और सेटींग जो एनेबल और डिसेबल हो सकते है| अगर आप विंडोज में कुछ परिवर्तन करते है, तो विंडोज रजिस्ट्री में अपने आप परिवर्तन होता है|

रजिस्ट्री तक कैसे पहुँचे :
आप रजिस्ट्री एडिटर प्रोग्राम के उपयोग सें रजिस्ट्री को कॉन्फ़िगर कर सकते हैं -
  • स्टार्ट मेनू ओपन करें|
  • Run सिलेक्ट करें|यहाँ regedit टाइप करें और एंटर करें|
  • अब आपको रजिस्ट्री एडिटर की विंडोज दिखाई देगी|

विंडोज रजिस्ट्री की संरचना :
रजिस्ट्री के डेटाबेस में, डेटा एक पेड़ के फॉर्मेट में संरचित होता है| इस पेड़ के प्रत्येक नोड को एक key कहा जाता है| प्रत्येक key में सब key और डेटा एंट्रीज जिन्हे वैल्यूज़ कहां जाता है, होते है| किसी भी key में कोई भी कीमत और यह कीमत कौनसे भी रुप में हो सकती है|
एक रजिस्ट्री पेड़ 512 के स्तर तक गहरा हो सकता है| आप एक ही रजिस्ट्री API कॉल के माध्यम से एक समय में 32 स्तर तक बना सकते हैं|

रजिस्ट्री में 5 रुट key होते है, जिनमें से प्रत्येक में विशिष्ट रजिस्ट्री की जानकारी शामिल होती है -

HKEY_CLASSES_ROOT --  इस key में फ़ाइल नेम एक्सटेंशन असोसीएशन और ProgIDs, CLSIDs, और IIDs जैसी COM क्लास रजिस्ट्रेशन की जानकारी होती है| सरल शब्दों में इस इस key में कार्य करने के लिए सुचना या ऐप्लीकेशन शुरु करने के लिए आवश्यक जानकारी होती है|

HKEY_CURRENT_USER -  यह key वर्तमान यूजर की सेटिंग को स्थापित करना आसान बनाता है| इसमे वर्तमान लॉग इन यूजर की विंडोज के लिए कन्फ़िगरेशन इन्फर्मेशन, सॉफ्टवेयर विशिष्ट की जानकारी होती है| इसमें environment variables, data about program groups, , display settings, desktop wallpaper, printers, network connections, और application preferences, keyboard layout आदी जानकारी होती है|

HKEY_LOCAL_MACHINE –  इस key में कम्प्यूटर की विशिष्ट जानकारी होती है, जिसमें इस्टॉल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर शामिल है| इसमें सब key होती है, जीसमें करंट डेटा कन्फिग्यरेशन, प्लग और प्ले की जानकारी (जिसमें सभी हार्डवेयर की सूची जो कभी ना कभी कम्प्यूटर को जोडे हूए थे), नेटवर्क लॉनऑन प्रेफरन्स, नेटवर्क सुरक्षा जानकारी, सॉफ्टवेयर से संबंधित जानकारी और कुछ अन्य सिस्टम की जानकारी होती है|

HKEY_USERS-            इस key में कम्प्यूटर कें सभी वर्तमान के अॅक्टीव यूजर के विशिष्ट कन्फिग्यरेशन इन्फर्मेशन होती है| यहाँ यूजर प्रोफाइल के रुप में प्रोग्राम्स के सेटींग, यूजर व्दारा चुने हुए थीम, कलर, डेस्कटॉप और कंट्रोल पॅनल की सेटींग स्टोर होती है|

HKEY_CURRENT_CONFIG – इस key में स्थानीय कंप्यूटर प्रणाली के मौजूदा हार्डवेयर की प्रोफाइल के बारे में जानकारी है|


रजिस्ट्री का बैकअप
रजिस्ट्री में कुछ भी बदलाव करने से पहले, आपको हमेशा उसकी बैकअप कॉपी बनानी चाहिए|
चरणों का पालन करें -
  • विंडोज 7/ Vista: Run को क्लिक करें और यहाँ Regedit टाइप करें और Enter दबाएं|
  • विंडोज 8: स्टार्ट स्क्रीन में regedit टाइप करें और फिर Regedit|exe पर क्लिक करें|
  • File मेनू में सें Export सिलेक्ट करें|
  • यह फाइल सेव करने के लिए लोकेशन सिलेक्ट करें|
  • रजिस्ट्री बैकअप फ़ाइल के लिए कोई नाम दें|
  • Save को क्लिक करें|
अब आपके पीसी की पूरी रजिस्ट्री का बैकअप हो जाएगा|

बैकअप से रजिस्ट्री को रिस्टोर करे
अगर आपने रजिस्ट्री का बैकअप लिया है और अब उसे फिर से रिस्टोर करना है तो -
  • पहले आपने जहाँ इस रजिस्ट्री की फाइल को सेव किया है वहाँ पर जाए|
  • इस फाइल पर डबल क्लिक करें|
  • जब आपको you are sure you want to add the information to the registry पुछा जाए तो Yes को क्लिक करें|
अब आपकी रजिस्ट्री तुरंत रजिस्ट्री बैकअप फ़ाइल में परिभाषित पिछली सेटिंग पर लौट जाएगी|

रजिस्ट्री की क्लीनिंग
जब कम्प्यूटर का ऑपरेशन स्पिड कम होगा, स्टार्टअप के लिए लंबा समय लगेला या लगातार पीसी  फ्रीज हो रहा होगा तो यह समझ जाएं की रजिस्ट्री क्लीनिंग करने की जरुरत है|
हमनें पहले देखा की रजिस्ट्री में हजारों एट्रीज हो सकती है, और नई एट्रीज हर समय बन रही है| जब यह जादा इन्फर्मेशन से भर जाती है, तो यह आपके पीसी के प्रदर्शन पर असर करता है| विंडोज के साथ समस्या यह है की, इसमें जब आप कोई प्राग्राम अनइन्स्टॉल करते है तो इस प्रोग्राम से संबंधीत एन्ट्रीज कभी भी निकाली नही जाती| इस कारण से रजिस्ट्री को क्लिन करने की जरुरत पडती है| लेकिन प्रभावी ढंग से यह सफाई मैन्युअली करना आसान नहीं है| इस काम को करने के लिए CCCleaner जैसे कई प्रोग्राम है, जो आसानी से रजिस्ट्री को क्लिन करते है|

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किसी समय हम में से कई डेटा खो जाने की स्थिति से गुजरे हांगे| वायरस, करप्ट या अॅक्सेस ना होनेवाले डेस्कटॉप, लॅपटॉप या अन्य एक्सटर्नल स्टोरेज से हमारा डेटा नष्ट हुआ है| इस पोस्ट में सबसे आम डेटा नष्ट होने की स्थिती का वर्णन है और डेटा रिकवरी के बारे में जानकारी है|

डाटा रिकवरी:
सरल भाषा में डेटा रिकवरी याने नष्ट हुआ डेटा रिस्टोर करने की प्रोसेस है| यह डेटा रिकवरी प्रोसेस डेटा नष्ट होने की परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती हैं|
इनकी जानकारी लेते है -

गलती से फ़ाइल या फ़ोल्डर को डिलीट करना:
जब आप कोई फाइल को डिलीट करते है, तो इसे ड्राइव से तुरंत हटाया नही जाता, लेकिन डिलीट का मार्क लगा दिया जाता है और वे ड्राइव में ही रहते है जबतक किसी अन्य फाइल व्दारा ओवरराइट नही किया जाता| इस दौरान मूल फाइल कई बार डिस्कनेक्टिड फ्रैग्मन्ट के रुप में फाइल वैसेही रहती है और रिकवर हो सकती है|
इस मामले आप इन फाललों की जगह नया डेटा ओवरराइट होने से पहले अच्छे डेटा रिकवरी सॉफ्टवेयर से डेटा को आसानी से रिकवर कर सकते है| यह सॉफ्टवेयर मास्टर फाइल टेबल (MFT)से डिलीटेड एंन्ट्रीज को खोजने के लिए के लिए पुरा ड्राइव स्कॅन करते है| और फिर इन डिलीटेड एंन्ट्रीज के लिए रिकवरी के लिए क्लस्टर चेन को डिफाइन करते है और फिर इन क्लस्टर से डेटा को नये में कापी करते है| लेकिन डेटा रिकवरी सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने से पहले आपको फाइल सिस्टम के बारे में मालूम होना चाहिए|

फाइल सिस्टम फॉर्मैट:
फाइल सिस्टम डिस्क या पार्टीशियन में फाइल्स का ट्रैक रखने के लिए ऑपरेटींग सिस्टम की एक मेथड और डेटा स्ट्रक्चर है| इसे वायरस या गलत निर्देश से नुकसान पहंच सकता है| विंडोज ऑपरेटींग सिस्टम में दो फाइल सिस्टम होते है NTFS और FAT| जब आप ड्राइव को फॉरमॅट करते है, तो यह नया फाइल सिस्टम रंरचना बनाता है और इसे ओवरराइट करता है|
सक्षम डेटा रिकवरी सॉफ्टवेयर क्रैश फाइल सिस्टम से डैमज्ड पार्टिशन से डेटा रिकवर कर सकते है, जो उपलब्ध अलोकेशन जानकारी और क्षति की स्थिती पर निर्भय है| कई बार जब वही फाइल सिस्टम से फॉरमॅट किया हो तो डेटा रिकवरी की संभावना अधिक होती है|

करप्ट पार्टिशन:
कुछ मामलों में, हार्ड ड्राइव का डेटा डैमेज पार्टीशियन टेबल के कारण से अनरिडेबल होता है| यह एक फाइल सिस्टम सें दूसरे फाइल सिस्टम में रुपांतरण करते वक्त, वायरस का संक्रमण या तीसरे पक्ष के टूल सें नया पार्टीशियन टूल बनाने से हो सकता है|
कई मामलों में यह रिकवरी सॉफ्टवेयर की मदद से डिलीट और क्षतिग्रस्त लॉजिकल ड्राइव और पार्टीशियन से डेटा रिकवरी संभव है|

ओवरराइट डेटा:
जब डेटा फिज़िकली पिछले डेटा पर ओवरराइट होता है, तब आप पुराना डेटा खो देते है| दुर्भाग्य से ऐसे ओवरराइट होने के बाद डेटा रिकवरी संभव नही है|

फिज़िकली डैमेज:
हार्ड ड्राइव के फेल होने के कई कारण है, जैसे हार्डवेयर ओवरहिटींग, बिजली प्रवाह या नमी| इस मामले में आप को ड्राइव को विशेष डेटा रिकवरी प्रयोगशाला मे ले जाना चाहिए|

अगर आपने कभी आपका डेटा खोया है तो इसका अनुभव शेयर करें|
Saturday, 26 March 2016 | 0 comments |
जब आप नोटिस करते है की, आपका पीसी धीमी गति से चल रहा है, तो निश्चित ही आपको हार्ड डिस्क डिफ्रॅग करनी चाहिए| क्या आपको कभी यह सवाल आया है की डिफ्रॅग्मेंट्स क्या है? और डिफ्रॅग्मेंटींग करके हार्ड का प्रदर्शन कैसे  बेहतर होता है? इस पोस्ट में इस बारे में चर्चा करेंगे|
 
Disk Fragmentation:
डिस्क फ्रैग्मन्टेशन यह एक प्रोसेस है, जो डिस्क वाल्यूम के डेटा के फ्रॅग्मेंट्स(टुकडे) को संघटित करता है जिससे वह अधिक कार्यकुशलता काम कर सके|
Defragment है क्या समझने के लिए पहले आपको हार्ड डिस्क कैसे काम करती है और हार्ड डिस्क मे डेटा कैसे संग्रहित होता है यह जानाना महत्वपूर्ण है|

हार्ड डिस्क कैसे काम करती है?
हार्ड डिस्क में कई रोटेटींग प्लैटर्स होते है, जिन्हे डेटा प्लैटर्स भी कहा जाता है| हर एक प्लैटर के हर एक साइड में संकेन्द्रित गोलाकार स्ट्रिप होते है, जिन्हे ट्रैक्स कहा जाता है और हर एक ट्रैक्स सेक्टर में बांटा जाता है| प्रत्येक सेक्टर 512 बाइटस का डेटा संग्रह करता है| क्लस्टर डिस्क के सबसे छोटे युनिट का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे फाइल को स्टोर करने के लिए आवंटित किया जाता है|
सेक्टर के ग्रुप को क्लस्टर कहते है और यह सेक्टर से बडा युनिट होता है|जब आप हार्ड ड्राइव पर डेटा संग्रहित करते है, तो यह उस फाइल को अखंडीत संग्रहित करता है| तकनीकी भाषा में, फाइल सिस्टम, फाइल का डेटा संग्रहीत करने के लिए क्लस्टर का एक समूह आवंटित करता है| उदाहरण के लिए, अगर हर एक क्लस्टर का आकार 512 बाइट है और फाइल का आकार 900 बाइट है, तो यह फाइल को संग्रहित करने के लिए 2 क्लस्टर आवंटित होंगे| बादमें जब आप इस फाइल को अपडेट किया और उसका आकार 1600 बाइट हुआ, तो इस फाइल को संग्रहित करने के लिए अन्य दो क्लस्टर को आवंटित किया जाएगा|
हार्ड डिस्क में एक छोटा आर्म (हाथ) होता है जो डिस्क के सतह पर घुमता है| जब आप इस फाइल को ओपन करते है, तो इस आर्म को इन विशेष सेक्टर तक जाना होता है और इसी समय प्लैटर को सही स्थिती में आने के लिए चक्कर लगाना पडता है| अगर आप को यह अॅक्सेस टाइम कम करना चाहते है, तो आपको आर्म की गतिविधी को जितना संभव हो उतना कम करना होगा और इसके लिए डिस्क में डेटा क्रमबद्ध खंडों मे संग्रहित होना चाहिए|अब ऐसे स्थिती की कल्पना करें की आपकी ड्रार्ड डिस्क डेटा से पुरी भर जाने के बाद आपने अन्य डेटा संग्रहित करने के लिए कुछ डेटा डिलीट किया है और यह खाली जगह हार्ड की सतह पर बिखरी हुई है|
अब जब आप कोई प्रोग्राम इन्स्टॉल करते है या बड़ी फ़ाइल स्टोर करते है, तो यहां यह सम्भावना होती है की इसे हार्ड में स्टोर करने के लिए क्रमबद्ध जगा ना मिले| ऐसे समय यह डेटा खंडित होकर कई जगह पर स्टोर होता है| इस तरह डेटा फ्रैग्मेन्ट होता है|
अब जब कम्प्यूटर इस प्रोग्राम को रन करने की या बड़ी फाइल को ओपन करने की कोशिश करता है, तब डिस्क आर्म को कई लोकेशन पर जाना पडता है| इसका परिणाम कम्प्यूटर की धीमी गति में होता है|

Fragments:
हार्ड डिस्क के इन सभी खाली जगह और प्रोग्राम और फाइलों के बिखरे टुकडों को फ्रॅगमेंटस कहा जाता है|
समय के साथ फाइलें संग्रहित करने, उनमें बदलाव करने या उन्हे डिलीट करने सें फ्रैग्मन्टेशन होता है| समय के साथ फाइल और वाल्यूम दोनों खुद फ्रैग्मन्टेड हो जाते है और आपका कम्प्यूटर स्लो हो जाता है क्योकी हार्ड के अैक्सेस आर्म को एक फाइल ओपन करने के लिए कई जगह जाना पडता है|

How Disk Fragmentation works:
Disk Defragmenter यह एक टूल है जो वॉल्यूम के फ्रैग्मन्टेड डेटा को पुनः व्यवस्थित करता है जिससें आपका कम्प्यूटर अधिक कार्यकुशलता से चलें|
Disk Defragmenter आपके हार्ड डिस्क में फ्रॅगमेंटस को खोजता है और डेटा एक एक स्थान से दुसरे स्थान मे इस तरह सें स्थानांतरीत करता है की डेटा एकसलग्न रहें| इससे प्रोग्राम और डेटा अधिक कुशलता से और तेज गती से रन होते है क्याकी सिस्टम को कई लोकेशन से डेटा को रिड नही करना पडता|
हार्ड ड्राइव Defragment करने के लिए दो तरीके है, एक विंडोज डिस्क Defragmenter है जो ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आता है, दूसरा तीसरे पक्ष का प्रोग्राम है|

1) Using the Windows Disk Defragmenter:
·                     विंडोज 7 के सर्च बॉक्स में Disk Defragmenter टाइप करें और Enter करें|
·                     सभी ऐप्लीकेशन और फाइलों को बंद करें|
·                     वर्तमान स्थिति में आप को डिस्क को defragment करने की जरुरत है या नही यह तय करने के लिए Analyze disk को क्लिक करें|
( विंडोज का डिस्क विश्लेषण समाप्त हो जाने के बाद, आप पिछले रन में फ्रैग्मन्टेशन का प्रतिशत देख सकते है| अगर यह प्रतिशत 10% से ऊपर है, तो आप को डिस्क defragment करनी चाहिए|)
·                     Defragment Disk को क्लिक करें|
डिस्क डिफ्रैग्मेंन्ट का समय आपकी हार्ड डिस्क के फ्रैग्मन्टेशन के आकार पर निर्भर करता है, इसे समाप्त होने के लिए कुछ मिनट से कई घंटे लग सकते है| आप अब भी डीफ़्रेग्मेंटेशन प्रक्रिया के दौरान अपने कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं|

2) Using Third Party application:
सबसे अच्छे और मुक्त Disk Defragmenter ऐप्लीकेशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें|

Friday, 25 March 2016 | 2 comments |

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